NCR Noida: चाइल्ड पीजीआइ में नवजात शिशु लैब बनेगी: स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य विभाग में 20 लाख रुपये की इस मशीन को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की

Update: 2024-12-31 11:15 GMT

एनसीआर नॉएडा: नोएडा के चाइल्ड पीजीआइ में पश्चिमी उत्सर प्रदेश की पहली नवजात शिशु लैब बनेगी। इससे पहले यूपी में मात्र लखनऊ में एसजीपीजीआई में ही यह शिशु स्क्रीनिंग लैब बनी हुई है। यह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बड़े भाग्य का विषय है। स्वास्थ्य विभाग में 20 लाख रुपये की इस मशीन को खरीदने की प्रक्रिया शुरू है। थायराइड, हाइट व वजन बढ़ना, यूरिन आदि रोगों की जांच को आसान बनाना संस्थान की योजना में शामिल है। इसके बाद जिले के तमाम सरकारी संस्थानों से अनुबंध कर न्यूबोर्न बेबी स्क्रीनिंग अनिवार्य कर दी जाएगी। टेक्नीशियन को प्रशिक्षण के लिए तैयार किया जा रहा है।

नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग की सुविधा नहीं: बायो-कैमिस्ट्री विभाग की हेड डा. उषा बिंदल ने बताया कि जिले के सरकारी अस्पतालों में नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग की सुविधा नहीं है। इससे उनके कई रोगों का पता नहीं चलता और उनके इलाज में बाधा आती है। अब जब नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में यह शिशु स्क्रीनिंग लैब लगा दी जाएगी तो न केवल नोएडा बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका जबरदस्त फायदा होगा। बच्चों की इस स्क्रीनिंग की सुविधा से रोगों का जल्दी पता चलेगा और उनका इलाज कारगर ढंग से किया जा सकेगा।

अधिकारियों ने मशीन खरीदने की सहमति दी: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बीते माह संस्थान के निदेशक व लोगों ने चाइल्ड पीजीआइ में न्यू बोर्न स्क्रीनिंग लैब बनाने पर चर्चा की थी। समस्या और जरूरत को देखते हुए इस पर अधिकारियों ने मशीन खरीदने की सहमति दे दी है। इसकी लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। संभवतया मार्च तक संस्थान में मशीन आने पर लैब शुरू हो सकेगी। उसके लिए तीन टेक्नीशियन भी तैयार हैं। डा. ऊषा बिंदल के मुताबिक, यह स्क्रीनिंग लैब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले की सबसे पहली लैब होगी। इससे नोएडा समेत गाजियाबाद, हापुड़ व आसपास के तमाम इलाके के लोगों को सुविधा के साथ बच्चों के सटीक इलाज की व्यवस्था भी नोएडा में ही सुलभ हो जाएगी।

मरीजों को लखनऊ या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा: नोएडा के चाइल्ड पीजीआई में न्यू बोर्न स्क्रीनिंग लैब के बन जाने के बाद मरीजों को लखनऊ या दिल्ली नहीं भागना पड़ेगा। फिलहाल टेक्नीशियन व बाकी स्टाफ को स्क्रीनिंग की प्रैक्टिकल जानकारी दी गई है। इसके तैयार हो जाने से जिले के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। मशीन से चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ नवजात शिशु के पैर में तलवे के पास से खून के पांच सैंपल लेकर जांच को भेजेंगे। लैब में शिशु के अंदर हाइट न बढ़ाने वाले हार्मोन्स की कमी, थायराइड, वजन घटना, यूरिन से फिनाइल की तरह बदबू आना व अन्य जांच से गंभीर रोगों का पता चल सकेगा। रोगों के पता चलने के बाद उनके इलाज में आसानी होगी, और तमाम भागमभाग भी बच सकेगा।

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