एनसीपी नेता मुश्किल में, समीर वानखेड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज कराई मानहानि की शिकायत

Update: 2022-08-15 02:40 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की जाति को लेकर सालभर से चल रहे विवाद को खत्म करते हुए कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने वानखेड़े को क्लीन चिट दे दी है। कमेटी ने समीर वानखेड़े के जाति प्रमाण पत्र को बरकरार रखा है। इसके बाद अब मुंबई पुलिस ने नवाब मलिक के खिलाफ समीर वानखेड़े की शिकायत पर मानहानि का मामला दर्ज किया है।

दरअसल, महाराष्ट्र सामाजिक न्याय विभाग की मुंबई जिला जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति से क्लीन चिट मिलने के बाद वानखेड़े ने शिकायत दर्ज कराई है। समीर वानखेड़े ने यह मामला एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज कराया है। मलिक ने मंत्री रहते हुए वानखेड़े पर एससी-एसटी के फर्जी दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया था।
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने रविवार को समीर वानखेड़े की शिकायत पर मानहानि के आरोप में नवाब मलिक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। इससे पहले समीर वानखेड़े के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कास्ट स्क्रूटनी कमेटी ने 91 पेज के आदेश में उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान हैं। वानखेड़े ने बताया कि उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में जाति जांच समिति ने मेरे खिलाफ दर्ज शिकायतों को खत्म कर दिया है। हमारे द्वारा जमा किए गए सभी तथ्यात्मक दस्तावेज वैध हैं।
वानखेड़े ने यह भी कहा था कि वे और उनके पिता से महार समुदाय से हैं। एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा क्लीन चिट का आदेश जारी किया गया था। आदेश में कहा गया है कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं थे। इतना ही नहीं यह भी साबित नहीं होता है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था।
बता दें कि यह पूरा मुद्दा पिछले साल तब उठा था जब वानखेड़े मुंबई में नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख थे। वानखेड़े ने आरोप लगाया कि मलिक ने उस समय एक कैबिनेट मंत्री के रूप में जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा केवल इसलिए उठाया था क्योंकि उनकी टीम ने मलिक के दामाद समीर खान को ड्रग मामले में गिरफ्तार किया था। समीर खान 2021 की पहली छमाही में जेल में थे।

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