10 लाख के इनामी नक्सली ने किया सरेंडर, करीब 75 मामले दर्ज
उसके खिलाफ हत्या, पुलिस पर हमला, सरकारी भवनों को विस्फोट से उड़ाने, लेवी वसूली और नक्सली वारदात के करीब 75 मामले दर्ज हैं.
गिरिडीह: भाकपा माओवादी नक्सली कमांडर रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा ने शनिवार को गिरिडीह में डीआईजी सुनील भास्कर सहित अन्य आला अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। राज्य के गिरिडीह, धनबाद तथा अन्य जिलों में उसके खिलाफ हत्या, पुलिस पर हमला, सरकारी भवनों को विस्फोट से उड़ाने, लेवी वसूली और नक्सली वारदात के करीब 75 मामले दर्ज हैं।
रामदयाल महतो नक्सली संगठन में जोनल कमेटी का मेंबर रहा है। गिरिडीह की पारसनाथ पहाड़ी से लेकर धनबाद के टुंडी तक के जंगलों में उसकी अघोषित हुकूमत चलती रही है। पीरटांड़, निमियाघाट, मधुबन, डुमरी, टुंडी थाना क्षेत्रों में उसने पिछले दो-ढाई दशकों में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। पिछले दिनों 25 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे इलाके में माओवादियों के ऑपरेशन की अगुवाई वही कर रहा था।
रामदयाल महतो मूल रूप से गिरिडीह जिले के पीरटांड़ थाना क्षेत्र के पिपराडीह गांव का रहने वाला है। उसकी उम्र 70 वर्ष हो चुकी है। बताया जाता है कि पुलिस अधिकारियों के कहने पर उसके बेटे ने उसे सरेंडर के लिए राजी कराया। डीआईजी सुनील भास्कर ने झारखंड सरकार की आत्मसर्मपण नीति ‘नई दिशा एक नई पहल’ के अनुसार, उसे 10 लाख रुपये का चेक सौंपा। सरकार की इस नीति के तहत इनामी नक्सलियों के सरेंडर करने पर उनके पुनर्वास और मुख्यधारा में शामिल होकर जीवन व्यतीत करने के लिए घोषित इनाम की राशि उन्हें ही दी जाती है।
रामदयाल महतो के सरेंडर के मौके पर गिरिडीह एसपी डॉ. विमल कुमार, 154वीं सीआरपीएफ बटालियन के सेकंड इन कमांडर दलजीत सिंह भाटी, एसएसबी के कमांडेंट संजीव कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
सितंबर महीने में झारखंड पुलिस के समक्ष यह तीसरे इनामी नक्सली का सरेंडर है। इसके पहले 9 सितंबर को दो दर्जन से भी ज्यादा नक्सली वारदातों में वांटेड मुनेश्वर गंझू उर्फ विक्रम और 2 सितंबर को प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी (तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी) के एरिया कमांडर राहुल गंझू उर्फ खलील ने रांची पुलिस के सामने सरेंडर किया था।