29 मार्च से बदलेगी भगवान महाकाल की दिनचर्या, करेंगे शीतल जल से स्नान
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा 29 मार्च से राजाधिराज भगवान महाकाल की दिनचर्या बदलेगी।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा 29 मार्च से राजाधिराज भगवान महाकाल की दिनचर्या बदलेगी। पुजारी भगवान को शीतल जल से स्नान कराने की शुरआत करेंगे। मंदिर में प्रतिदिन होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदल जाएगा। बता दें कि इन दिनों अवंतिकानाथ को गर्म जल से स्नान कराया जा रहा है। पं. महेश पुजारी ने बताया कि भगवान महाकाल अवंतिका के राजा हैं।
मौसम के अनुसार उनकी दिनचर्या में बदलाव किया जाता है। सर्दी में राजाधिराज गर्म जल से स्नान करते हैं, वहीं गर्मियों में उन्हें ठंडे जल से स्नान कराया जाता है। मंदिर की परंपरा में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से गर्मी की शुरआत मानी जाती है, इसलिए इस दिन से भगवान को शीतल जल से स्नान कराने का क्रम शुरू हो जाता है। ऋतु अनुसार नित्य होने वाली पांच में से तीन आरती का समय भी बदलेगा। 29 मार्च से बालभोग आरती सुबह 7 से 7.45 बजे, भोग आरती सुबह 10 से 10.45 बजे तथा संध्या आरती शाम 7 से 7.45 बजे तक होगी। वहीं भस्मारती तड़के 4 से 6 बजे तक, संध्या पूजन शाम 5 से 5.45 बजे तक तथा शयन आरती रात 10.30 से 11 बजे तक अपने निर्धारित समय पर होगी।
प्राकृतिक रंग व गुलाल से होली खेलेंगे भगवान महाकाल मंदिर में होली तथा रंगपंचमी पर भगवान महाकाल प्राकृतिक रंग व गुलाल से होली खेलेंगे। 29 मार्च को तड़के भस्मारती में पुजारी फूलों से बनी गुलाल से भगवान के साथ होली खेलेंगे। दो अप्रैल को रंगपंचमी पर अवंतिकानाथ की होली में टेसू के फूलों से बना रंग बरसेगा। पुजारी एक दिन पहले मंदिर में फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार करेंगे।