प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 41 करोड़ लाभार्थियों को बांटे गए 23.2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज
दिल्ली: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के आठ साल पूरे हो गए हैं। पीएमएमवाई के तहत अबतक 23.2 लाख करोड़ रुपये के 40.82 करोड़ से ज्यादा खातों में लोन दिए जा चुके हैं। इनमें 21 फीसदी ऋण नए उद्यमियों के लिए स्वीकृत किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। मंत्रालय के मुताबिक 8 अप्रैल, 2015 को इस योजना को शुरू करने के बाद 24 मार्च, 2023 तक कुल 40.82 करोड़ लोन खातों में करीब 23.2 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। पीएमएमवाई में करीब 68 फीसदी लोन महिला उद्यमियों को दिए गए हैं। इस योजना के तहत आने वाले 51 फीसदी खाते एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के उद्यमियों के हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की 8वीं वर्षगांठ पर कहा कि मुद्रा ने जमीनी स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद की है। इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हुए गेम चेंजर भी साबित हुई है। वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत राव कराड ने कहा कि पीएमएमवाई ने देश में सूक्ष्म उद्यमों के लिए एक सहज तरीके से ऋण के लिए निर्बाध मुक्त पहुंच को आसान बनाया है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना केंद्र सरकार ने शुरू की है। प्रधानमंत्री ने 8 अप्रैल, 2015 को इसे लॉन्च किया था। इस योजना के तहत सरकार बिना कुछ गिरवी रखे व्यापार शुरू करने के लिए छोटे व्यापारियों और नॉन-कॉरपोरेट सेक्टर को 10 लाख रुपये तक का लोन मुहैया कराती है। पीएमएमवाई को सरकार ने छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया था।
उल्लेखनीय है कि इसके तहत बैंक तीन श्रेणियों-शिशु (50 हजार रुपये तक), किशोर (50 हजार से 5 लाख रुपये के बीच) और तरुण को (10 लाख रुपये) तक का लोन देते हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कुल बांटे गए लोन में शिशु का 83 फीसदी, किशोर का 15 फीसदी और शेष 2 फीसदी तरुण है।