उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर भी मुकदमा चलाया जा सकता है: आम आदमी पार्टी

Update: 2023-05-09 14:59 GMT

दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना को आपराधिक मुकदमे से छूट नहीं देने के, गुजरात की अदालत के फैसले हवाला देते हुए मंगलवार को दावा किया कि इससे पता चलता है कि उनपर भी मुकदमा चलाया जा सकता है।

‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एलजी वीके सक्सेना पर 2002 में गुजरात आश्रम में कार्यकर्ता मेधा पाटकर से मारपीट करने का आरोप है। उन्होंने इस मामले में याचिका दायर की थी।

भारद्वाज ने कहा कि सक्सेना की याचिका में संविधान के अनुच्छेद 361 (2) का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी अदालत में कोई भी आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती या जारी नहीं रखी जा सकती।

उन्होंने कहा कि राज्यपालों को केंद्र सरकार द्वारा चुना जाता है और भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है, जबकि उपराज्यपाल का चयन और नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।

आप नेता ने कहा कि उपराज्यपाल ने संविधान को ही पलट दिया। अदालत में उनके आवेदन में कहा गया है कि वह राज्यपाल से ऊपर और राष्ट्रपति के नीचे हैं। लेकिन अदालत ने उनके आवेदन को खारिज करते हुए कहा है कि उपराज्यपाल को कोई छूट नहीं मिलती। वह हर दिन अपने अधिकार क्षेत्र में नहीं आने वाले काम कराने के लिए सरकारी विभागों को आदेश जारी करते हैं। इससे पता चलता है कि उनकी जवाबदेही भी तय की जा सकती है।

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