भाजपा नेता सोनाली फोगाट को कानूनी नोटिस, जाने पूरा मामला

Update: 2021-08-11 09:02 GMT

भाजपा नेता सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) एक बार फिर से विवादों में घिर गई हैं. सोनाली फोगाट ने 24 जुलाई को सोशल मीडिया (Social Media) पर लाइव आकर अनूसूचित जाति समाज के लिए एक शब्द का प्रयोग किया था जो भारत द्वारा प्रतिबंधित है तथा उच्चतम न्यायालय ने भी इस शब्द को अपराधिक माना है.

अब नेशनल अलायंस फॉर दलित ह्यूमन राइटस के संयोजक रजत कल्सन ने उन्हें अपनी वकील प्रवेश महीपाल के मार्फत एक कानूनी नोटिस भेज कर 15 दिन के अंदर सोशल मीडिया पर माफी का वीडियो पोस्ट करने को कहा है अन्यथा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही गई है.
कल्सन ने बताया कि 24 जुलाई को सोनाली फोगाट ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर अनूसूचित जाति समाज के सरकार व अदालत द्वारा प्रतिबंधित शब्द का उच्चारण किया था. उन्होंने कहा कि सोनाली के सोशल मीडिया पर लाखों फ्लोवर्स हैं जिन्होंने इस वीडियों को देखा. इसके माध्यम से सोनाली फोगाट ने पूरे अनूसूचित जाति वर्ग को अपमानित करने का काम किया है. कल्सन ने कहा कि इस बारे में वर्ष 1982 में ही भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने भारत के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को नोटिफिकेशन जारी कर इस शब्द पर रोक लगाने का आदेश जारी किया हुआ है.
कल्सन ने बताया कि इस बार में उच्चतम न्यायालय में मंजू देवी बनाया ओम कारजीत सिंह आहूलवालिया के मामले में 2017 में इस शब्द को अपराधिक माना है. कल्सन ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट की धारा 3 के तहत भी यह शब्द अपराधिक व अपमान जनक है.
आपको बता दें कि इससे पहले सोनाली फौगाट और मार्केट कमेटी सचिव सुल्तान सिंह के बीच थप्‍पड़-चप्पल का मामला हो चुका है. यह मामला कोर्ट में है. हाल ही में ग्रामीणों ने सोनाली का विरोध किया था, सोनाली ने किसानों को लफंगा कहा था. इस बयान को लेकर उनकी निंदा भी की गई थी.बता दें कि हांसी के एडवोकेट रजत कल्सन इससे पहले किक्रेटर युवराज व अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ भी एक अन्य मामले में नोटिस भेज कर मुकदमा दर्ज करवा चुके हैं.


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