लखीमपुर खीरी केस: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया, जानें पूरा अपडेट
नई दिल्ली: लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने 26 सितंबर तक राज्य सरकार से मामले में जवाब देने के लिए कहा है. इस मामले में 26 सितंबर को अगली सुनवाई होगी.
इससे पहले आशीष मिश्रा मोनू के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि घटनास्थल संकरा स्थान था. भीड़ बहुत ज्यादा थी. माहौल तनाव भरा था. हंगामा हो रहा था. गाड़ी के ड्राइवर और दो अन्य सवारों को लोगों ने बाहर खींच लिया और पीट पीट कर मार डाला.
उन्होंने दावा किया कि चश्मदीद होने के दावेदार घटना को लेकर अलग अलग दावा करते हैं. कुछ लोगों के मुताबिक, तेज रफ्तार कार ने प्रदर्शनकारियों को टक्कर मारी और कुछ लोग कुचल गए. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि लोगों ने कार रोकी और ड्राइवर और एक अन्य को मार डाला.
मुकुल रोहतगी ने बताया कि एफआईआर में लिखा है कि आशीष मिश्रा आरोपी है. वो कार में बैठा था. जब हंगामा उग्र हुआ, तो कार में से ही पिस्टल हवा में लहराकर गोली चला दी. इसके बाद गन्ने के खेतों में छिप गया. जबकि बाद में एक गवाह ने ये माना कि वो चश्मदीद भी नहीं था.
उन्होंने कहा, मौके से हथियार द्वारा चलाई गई गोली का खोखा भी बरामद नहीं हुआ है. न ही कोई गोली से जख्मी हुआ है. ये आरोप नहीं हैं कि आशीष कार चला रहा था. हाईकोर्ट ने भी अभी तक इन सभी संबंधित मसलों का परीक्षण नहीं किया है.
लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर 2021 को नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़क पर उतर आए थे. आरोप है कि केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने विरोध कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी. इसके बाद हिंसा हुई थी. इस हिंसा में चार किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि, यूपी चुनाव के बाद आशीष मिश्रा जमानत पर जेल से बाहर आ गया था. जमानत पर आशीष मिश्रा की रिहाई का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सर्वोच्च न्यायालय ने जमानत रद्द करते हुए ये केस इलाहाबाद हाईकोर्ट में नए सिरे से विचार के लिए भेज दिया था. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी थी. जमानत याचिका खारिज होने के बाद आशीष मिश्रा मोनू ने जमानत के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.