Collector से शिकायत के बाद भी नही मिला न्याय, किसान ने राष्ट्रपति के नाम PMO को लिखा पत्र
Bilaspur बिलासपुर। जिले में राजस्वकर्मियों के भ्रष्टाचार के कारण भू-अर्जन के कई आदेश अब सवालों के घेरे में आ चुके है। कई भू-अर्जन प्रकरणों का पुनर्विलोकन किया जाना नियत है। बता दे कि भू-अर्जन के पारित आदेशों में किसानों को उन जमीनों का भी मुआवज़ा बांट दिया गया है। जिसका उपयोग निर्माण कार्यों में हुआ ही नही है। अब इस गलती को सुधारने की बजाए राजस्वकर्मी किसानों को कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने मजबूर कर रहे है। राजस्व विभाग अपनी गलतियों को सुधारने की बजाए किसानों को भटकने के लिए मजबूर कर रहे है। मांक 106/2 भूस्वामी रामानुज यादव किसान की कुछ भूमि एनएचएआई ने अधिग्रहण किया है। किसान के मुताबिक अधिग्रहण के वक़्त मौका का भौतिक सत्यापन जिन राजस्वकर्मियों ने किया वे मौका से विपरीत किया गया है। बहरहाल ग्राम खम्हारडीह तहसील बोदरी स्थित खसरा क्र
ख़सरे की जितनी जमीन सड़क पर नही गई है उससे कही अधिक जमीन का मौका भौतिक सत्यापन करके किसान को अपने ही जमीन पर बेजा कब्जाधारी बना दिया गया है। किसान रामानुज यादव ने इसकी मौखिक शिकायत कई दफ़े राजस्वकर्मियों को की, लेकिन कोई फायदा नही हुआ। सालों धक्के खाने के बाद कलेक्टर के पत्र पर संयुक्त कलेक्टर भू/अर्जन ने जाँच करने का जिम्मा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिलासपुर और बिल्हा को दिया। किंतु लिखित आदेश के बाद भी बिलासपुर एसडीएम के द्वारा किसी प्रकार की जाँच कार्यवाही नही किया गया, न ही बिल्हा एसडीएम ने कलेक्टर के आदेश को तवज्जों दिया। किसान ने महीनों इंतजार के बाद राष्ट्रपति के नाम पीएमओ को पत्र लिखा। फलस्वरूप एनएचएआई इकाई बिलासपुर ने पत्राचार कर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बिलासपुर को कार्यवाही के निर्देश दिए है।