घाटी में सुरक्षाबल लगातार आतंकियों के सफाए में जुटे हुए हैं. यही वजह है कि आतंकी सुरक्षाबलों के इन ऑपरेशन से बौखला गए हैं और इस तरह के हमलों को अंजाम दे रहे हैं. हाल ही में सुरक्षाबलों बड़ी कामयाबी मिली थी जिसमें सोपोर और बांदीपोरा इलाकों में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के छह आतंकवादी (Terrorist) सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था. इन छह आतंकियों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए थे.
इससे पहले रविवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रविवार को आतंकियों की ओर से सुरक्षाबलों पर किए गए ग्रेनेड हमले में एक पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक घायल हो गया. अधिकारियों ने बताया कि रविवार शाम 7.20 बजे आतंकियों ने सराफ कदल इलाके में तैनात पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर ग्रेनेड हमला कर दिया. इस हमले में पुलिस कॉन्स्टेबल मेहराज अहमद और स्थानीय निवासी सरताज अहमद घायल हो गए. उन्हें पास के एसएमएचएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
वहीं हाल ही में दावा किया गया था कि जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान के लिए भाड़े पर काम कर रहे लोग कश्मीरी युवाओं को आतंकवाद में धकेलने की कोशिश कर रहे हैं और उनका इस्तेमाल केवल ''आतंकी टट्टू'' के रूप में काम कर रहे हैं. यदि कश्मीरी युवा हिंसा का रास्ता छोड़ना चाहें तो भाड़े पर काम कर रहे संबंधित तत्व उनकी हत्या भी कर सकते हैं. वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों ने रविवार को यह बात कही.
इस महीने की शुरुआत में, बडगाम में हुई मुठभेड़ और शहजादपुरा निवासी 24 वर्षीय वसीम कादिर मीर के फोन कॉल की विस्तृत जानकारी का संदर्भ देते हुए अधिकारियों ने बताया कि वह पाकिस्तानी आतंकवादियों के क्रूर व्यवहार का नवीनतम शिकार बना जिन्होंने उसे छह जनवरी को मध्य कश्मीर स्थित जिले के झोई गांव में उस समय मार दिया जब सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हो रही थी.