Shrikhand Mahadev की दीवानी ईशानी, बर्फ के बीच नंगे पांव छठी बार भोले के दर

Update: 2024-07-14 10:11 GMT
Aani. आनी। उपमंडल के बागीपुल की 27 वर्षीय ईशानी भोलेनाथ की ऐसी दीवानी हैं कि वह उनके दर्शनों को हर साल उत्तर भारत की कठिन धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव की यात्रा पर नंगे पांव ही निकल पड़ती है। ऐसा ईशानी एक या दो बार नहीं, बल्कि छह बार कर चुकी हैं। ईशानी ठाकुर इस वर्ष सात जुलाई को अंबाला के अपने चार अन्य साथियों आकाश, सौरभ, सन्नी, दीपक के साथ 18570 किलोमीटर की ऊंचाई पर बसे श्रीखंड महादेव की बर्फीले ग्लेशियरों, पथरीली-गीली खतरनाक पगडंडियों से होकर 35 किलोमीटर की रोमांचक यात्रा पर नंगे पांव निकल पड़ी थी और 10 जुलाई को सकुशल वापस भी लौट आई हैं। ईशानी ने कहा कि न ही उसे इस यात्रा में आज तक कोई मुश्किल आई, न ही किसी बाधा ने शिव भोले के दर्शनों के दौरान यात्रा करती बार उसका रास्ता रोका है। उन्होंने बताया कि नंगे पांव यात्रा करने के पीछे
कोई दिखावा नहीं है।

बल्कि जिस तरह से हिंदू धर्म में तय है कि जब भी हम किसी देवी-देवता के दर जाते हैं, तो नंगे पांव ही जाते हैं। इसी आस्था और विश्वास से उन्होंने हर बार नंगे पांव श्रीखंड यात्रा की। श्रीखंड यात्रा पर जाना मेरी कोई मन्नत नहीं है, बल्कि शिव भोले के प्रति एक ऐसा लगाव है, जैसा घर से दूर रहने पर घर आने के लिए दिल में जुनून पैदा होता है, वैसा ही उनका श्रीखंड जाकर शिव के दर्शनों के लिए लगाव है। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान लोगों द्वारा रास्ते मे फैलाई जा रही गंदगी और युवाओं द्वारा भोले बाबा के प्रसाद के नाम पर किया जा रहा भांग का नशा चिंता का विषय है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि आप इस यात्रा में खाने-पीने का सिर्फ उतना ही सामान ले जाएं, जिसके रैपर्स आप वापस भी ला सकें या फिर विभिन्न पड़ावों पर डस्टबीन में डाल सकें। साथ ही युवाओं और अन्य लोगों से अपील की है कि यात्रा के दौरान नशा न करें।
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