अंतरराज्यीय बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश, पुरुष और महिला समेत 10 गिरफ्तार
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वाराणसी। पुलिस ने बच्चों का अपहरण करके बेचने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है. उसके निशानदेही पर पांच बच्चों को भी बरामद किया गया है. गिरोह के छह और सदस्यों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. पुलिस का दावा है कि बच्चों के अपहरण व उन्हें बेचने वाले गिरोह के तार बिहार, राजस्थान व झारखंड से जुड़े हैं. ये लोग बच्चों को नि:संतान दंपतियों के हाथों बेचते थे. इसके बदले में दो से दस लाख रुपये तक वसूले जाते थे.
दरअसल, भेलूपुर थाना क्षेत्र के रवींद्रपुरी स्थित रामचंद्र शुक्ल चौराहे पर सड़क किनारे सो रहे संजय कुमार व उनकी पत्नी मानवी के बीच से 14 मई की रात चार वर्ष के बच्चे का अपहरण कर लिया गया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. 100 सीसी फुटेज की जांच से पता चला कि कार से आए लोगों ने बच्चा उठाया है. अपहरणकर्ताओं की पहचान भी की गई, फिर पुलिस की टीमें गठित करके अलग-अलग राज्यों में भेजी गईं.
वहीं पुलिस ने वाराणसी में दबिश के दौरान अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्य व सिंदुरिया पोखरी शिवदासपुर वाराणसी निवासी संतोष गुप्ता को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी में सर्विलांस का सहारा लिया गया. भेलूपुर पुलिस ने आरोपी संतोष को गिरफ्तार करके पूछताछ की. पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में राजस्थान, बिहार और झारखंड में दबिश दे रही है. अब तक गिरोह के छह सदस्यों को हिरासत में लिया गया है.
संतोष ने पुलिस को बताया कि उसके गिरोह ने हाल के दिनों में बनारस में रामचंद्र शुक्ल चौराहा स्थित सड़क के किनारे से चार साल का बच्चा, नदेसर में सड़क के किनारे से दो साल का बच्चा, नगवां स्थित एक मकान से पांच माह की बच्ची और चौकाघाट से एक छोटी बच्ची का अपहरण किया था. इसके अलावा प्रयागराज के अलोपीबाग स्थित ओवरब्रिज के नीचे से एक बच्चा और मिर्जापुर के विंध्याचल स्टेशन के समीप से एक लड़का व लड़की का अपहरण किया था. पुलिस की पूछताछ में संतोष ने बताया कि अपहृत बच्चों में से दो को उसके गिरोह ने जयपुर में मनीष जैन, पारस, घनश्याम और जगदीप बरनवाल को बेचा था. अन्य पांच बच्चों को झारखंड के गिरोह को सौंप दिया गया है.
बच्चों का अपहरण कर बेचने वाले गिरोह का सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ गया। शहर में बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है। गिरोह गरीब परिवार के बच्चों का अपहरण कर बेचता है। जितना सुंदर बच्चा उतना अधिक पैसा मिलता है। अब तक शहर में 50 से अधिक बच्चों को चोरी कर बेच चुके हैं। पुलिस की गिरफ्त में आए संतोष ने बताया कि सड़क किनारे झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को निशाना बनाते हैं। रात में परिवार के सोने के बाद बच्चों का अपहरण कर ले जाते हैं। इसके लिए पहले रेकी करते हैं। रेकी के दौरान ही सुंदर बच्चों को चिह्नित कर लेते हैं। जितना सुंदर बच्चे होते हैं, उतनी अधिक कीमत मिलती है। संतोष ने पुलिस को बताया कि दो साल तक आयु के बच्चों की डिमांड अधिक रहती है। निसंतान दंपती को बिहार, झारखंड और राजस्थान के दलाल खोजते रहते हैं। सर्वाधिक मांग दो साल तक के बच्चों को रहती है। बच्चों की सुंदरता के अनुसार पैसे मिलते हैं।