मैसूर में उपद्रवियों ने धार्मिक पुस्तकालय मे लगाई आग, जांच में जुटी पुलिस टीम
मैसूर में उपद्रवियों ने कथित तौर पर एक लाइब्रेरी को आग लगा दी, जिससे उसमें रखी गई 11 हजार से ज्यादा किताबें खाक हो गई
मैसूर में उपद्रवियों ने कथित तौर पर एक लाइब्रेरी को आग लगा दी, जिससे उसमें रखी गई 11 हजार से ज्यादा किताबें खाक हो गई. पुलिस ने बताया कि इनमें बड़ी संख्या में भागवद् गीता, कुरान और बाइबल के अलावा कन्नड साहित्य की किताबें भी शामिल थीं. ये घटना शुक्रवार तड़के हुई. उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी के मालिक ने इस घटना के लिए पड़ोस में रहने वाले कुछ उपद्रवियों को आरोपी बताया है. पुलिस ने कहा कि वो लाइब्रेरी चलाने पर बीते कुछ समय से उसे धमकी दे रहे थे.
लाइब्रेरी के मालिक 62 साल के इशहाक ने बताया कि मेरी लाइब्रेरी के बगल में रहने वाला व्यक्ति शुक्रवार को तड़के करीब तीन बजकर 50 मिनट पर मेरे घर आया और बताया कि मेरी लाइब्रेरी पूरी तरह जल गई है. सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले लाइब्रेरी मालिक ने कहा कि बचपन में ही घर छोड़ने के बाद से उसे किताबों से बेहद लगाव था. इशहाक ने कहा कि मैं सिर्फ 15 दिनों के लिए स्कूल गया और घर से भाग गया. मुझे कुछ घरों में काम करने का मौका मिला, जहां किताबों को लेकर मेरा शौक विकसित हुआ.
बाद में उसने एक झोपड़ी में लाइब्रेरी बनाई, जिससे लोगों और खासकर बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित हो. कन्नड भाषा के प्रशंसक इशहाक का आरोप है कि उसके पड़ोस में कुछ लोग रहते हैं, जो इस बात को पसंद नहीं करते कि वो कन्नड भाषा को बढ़ावा दे. उन्होंने कहा कि कई मौके पर वो मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन मैंने इसकी परवाह नहीं की. आखिरकार उन्होंने अपनी योजना को अंजाम दे दिया.
हालांकि पुलिस का कहना है कि ये दुर्घटना शॉर्ट सर्किट की वजह से हो सकती है, लेकिन इशहाक का कहना है कि उसकी लाइब्रेरी में बिजली ही नहीं थी.