मायके में जमीन में है, तो महिला भूमिहीन नहीं

Update: 2024-09-01 09:42 GMT
Shimla. शिमला। यदि किसी महिला के मायके पक्ष में शादी से पहले उसका जमीन पर अधिकार है, तो उसे भूमिहीन नहीं माना जा सकता। सरकार ने भूमिहीन परिवारों की पात्रता को लेकर इसे स्पष्ट कर दिया है। विधानसभा में विधायक आशीष शर्मा के एक सवाल के लिखित जवाब में बताया गया है कि प्रदेश में भूमिहीन परिवारों को सरकारी भूमि तीन बिस्वा व दो बिस्वा योजना चलाई गई है। इसके अंतर्गत उपलब्धता एवं पात्रता अनुसार उनको जमीन दी जाती है। इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं को पात्र माना जाता है जिनके पति भूमिहीन थे और उनकी मृत्यु हो गई है। भले ही महिला का मायके पक्ष में भूमि में अधिकार हो। यदि महिला पहले ही मायके में
भूमि की मालिक है।

ऐसी महिला के परिवार को भूमिहीन नहीं माना जा सकता एवं वह तीन व दो बिस्वा योजना के तहत भूमि आबंटन हेतु पात्र नहीं है। मुख्यमंत्री नूतन पॉलीहाउस योजना के तहत लाहुल स्पीति को वर्ष 2019 से अब तक 388 लाख रुपए की राशि मिली है। सदन में विधायक अनुराधा राणा के सवाल पर कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि 2019-20 में इस योजना में कोई पैसा नहीं दिया गया था। 2020 से 23 तक बजट 5076.54 लाख रुपए था, मगर 4006.66 लाख की राशि ही मिल सकी। सदन में विधायक लोकेंद्र कुमार के एक सवाल के लिखित उत्तर में बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि बागबानी विभाग का 503 हेक्टेयर सरकारी जमीन पर स्वामित्व है, जिस पर 93 फल संतति एवं प्रदर्शन उद्यान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस भूमि में से 408 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों का उत्पादन किया जा रहा है। इसमें सेब का उत्पादन लगभग 160 हेक्टेयर क्षेत्र में हो रहा है।
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