Shimla. शिमला। शिमला में हड़ताल करने वाले शिक्षा विभाग के वोकेशनल ट्रेनरों को सरकार ने कुछ हद तक राहत देने की कोशिश की है। हालांकि इनके मामले में आखिरी फैसला केंद्र सरकार से मामला उठाए जाने के बाद ही हो पाएगा लेकिन फिर भी यहां सरकार ने इनके लिए कमेटी बनाकर कुछ राहतें देने को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। राज्य के 1100 सरकारी स्कूलों में कार्यरत 2174 व्यवसायिक ट्रेनरों को अब साल में 30 दिन का अवकाश मिलेगा। मांगों को लेकर शिक्षकों ने बीते सप्ताह शिमला में जो 13 दिन तक हड़ताल की थी उसका वेतन भी नहीं कटेगा। विशेष अवकाश में इसे शामिल कर वेतन की अदायगी की जाएगी। बुधवार को राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में सचिव शिक्षा राकेश कंवर, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा, निदेशक प्रारंभिक शिक्षा आशीष कोहली व उच्च शिक्षा निदेशक डा अमरजीत शर्मा मौजूद रहे।
बैठक में व्यवसायिक ट्रेनरों के दो प्रतिनिधि भी उपस्थित हुए। व्यवसायिक शिक्षक कंपनियों को बाहर कर उन्हें हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के अधीन करने की मांग कर रहे थे। बैठक में हरियाणा सहित कुछ अन्य राज्यों के मॉडल पर भी चर्चा की गई। बैठक में इसके लिए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा की अध्यक्षता में उप समिति गठित की गई है। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार इस मामले में आगामी निर्णय लेगी। कमेटी में सह सचिव शिक्षा सहित व्यवसायिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। ट्रेनरों को दूसरी राहत नियुक्ति में दी गई है। अभी तक 37 साल की आयु तक ही व्यवसायिक शिक्षक नियुक्त हो सकते थे लेकिन इसकी आयु सीमा बढ़ाकर 45 साल कर दी है। वहीं यदि एक कंपनी से छोडक़र दूसरी कंपनी के अधीन इन ट्रेनरों को नियुक्त किया जाता है तो इनकी नियुक्ति नई नहीं मानी जाएगी। यानी दूसरी कंपनी में इन्हें उतना ही वेतन मिलेगा जितना पिछली कंपनी में मिलता था।