HP: धर्मशाला में बिना अनुमति नहीं लगेंगे विज्ञापन- होर्डिंग्स

Update: 2024-08-29 11:04 GMT
Hospice. धर्मशाला। नगर निगम धर्मशाला में निजी स्थानों यानी घरों-दुकानों व अन्य भवनों में विज्ञापन, होर्डिंग्स व बोर्ड लगाए जाने के लिए अनुमति लेना व एनओसी लेना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही बॉयलॉज के तहत निर्धारित शुल्क भी एमसी धर्मशाला में जमा करवाना होगा। धर्मशाला शहर में अब बिना अनुमति विज्ञापन, होर्डिंग्स, बैनर सहित अन्य प्रचार सामग्री नहीं लगाई जाएगी। बिना अनुमति व शुल्क जमा करवाए बिना प्रचार सामग्री लगाने पर पांच हजार रुपए जुर्माना भी अदा करना होगा। साथ ही प्रचार सामग्री को भी एमसी की ओर से जब्त कर लिया जाएगा। इसके लिए अब स्मार्ट सिटी धर्मशाला की ओर से विज्ञापन स्पॉट चिन्हित कर तैयार किए जाएंगे। मात्र उक्त चयनित स्थलों में ही परशिमन व फीस से विज्ञापन लगाए जाएंगे। वहीं, शहर में एलईडी के माध्ययम से विज्ञापन के के लिए प्रति स्क्वेयर फीट एक माह के लिए 250 रुपए तय किए गए हैं, जबकि अन्य के रेट भी बॉयलेज में तय किए गए हैं, जिसके अनुसार ऑक्सन व एरिया के हिसाब से रेट
निर्धारित किए जाएंगे।
नगर निगम धर्मशाला ने अपने हाउस में प्रस्ताव पारित कर अब गुरुवार से ही धरातल में उतारने की सहमति बना दी है। नगर निगम धर्मशाला में हर तरफ बेतरतीब होर्डिंग्स, बोर्ड, सरकारी, सार्वजनिक-निजी भवनों सहित पेंटिंग व नेताओं के होर्डिंग्स में विज्ञापनों का बाजार देखने को मिलता है, जिससे पहाड़ी राज्य की पहली स्मार्ट सिटी की सुदंरता में दाग लग रहे हैं। इतना ही नहीं, अब तक बिना सिस्टम के शहर के सुंदरता वाले स्थान भी बेतरतीव तरीके से लगाए बैनरों व होर्डिंग्स व पोस्टरों के साथ लदे हुए हैं। जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यटन नगरी में पहुंचने वाले लोगों को भी मायूसी ही हाथ लगती है। उक्त विषय को लेकर एक बार फिर नगर निगम धर्मशाला हाऊस में जोर-शोर से मुद्दा उठा है। हालांकि इससे पहले भी कई बार एमसी के हाऊस में इस विषय को लेकर चर्चाएं व प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं होर्डिग्ंस-बैनर को हटाया भी गया है, लेकिन अब तक धरातल पर विज्ञापन स्पॉट सूचारू रूप से चिन्हित करके चलाए ही नहीं गए हैं। हालांकि इस बार एमसी धर्मशाला के हाउस में प्रस्ताव पारित करने के साथ ही इसे गुरुवार से लागू करने के दिशा-निर्देश अधिकारियों-कर्मियों को जारी कर दिए गए हैं। हालांकि अब यह देखना अहम होगा कि एमसी के अन्य पास प्रस्तावों की तरह ये भी फाइलों में ही धूल फांकता हुआ रह जाता है या धरातल में इसे लेकर कोई कार्य होता नजर आता है।
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