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चारों ओर चीख-पुकार.
इंदौर: मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां इमारत की दूसरी मंजिल पर रेलिंग से गिरकर ढाई साल की मासूम ही मौत हो गई। यह हादसा तब हुआ जब मासूम छत की रेलिंग पर खेल रही थी। हादसे के बाद चारों ओर चीख-पुकार मच गई।
यह मामला खुडेल थाना क्षेत्र का है। यहां के बादल सिसोदिया की ढाई साल की बच्ची साक्षी अपने नाना के घर पर बुधवार की शाम को खेल रही थी। वे इमारत की दूसरी मंजिल पर रहते हैं। बच्ची कमरे में खेल रही थी और खेलते खेलते बालकनी पर आ गई। वह बालकनी से लगी रेलिंग पर खेलने लगी और नीचे की तरफ झांका तभी उसका संतुलन बिगड़ गया। वह नीचे जा गिरी और गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे पहले निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से चिकित्सक ने उसे एमवाय अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। मासूम साक्षी की देर रात को उपचार के दौरान मौत हो गई।
बताया गया है कि बादल सिसोदिया मूल रूप से खंडवा के रहने वाले हैं और कुछ समय पहले इंदौर आए थे। वे यहां एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। बुधवार को बादल अपने परिवार के साथ ससुराल आए हुए थे तभी यह हादसा हो गया।
इंदौर में यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं। पहले भी कनाडिया थाना क्षेत्र के बिचोली मर्दाना में एक निर्माणाधीन इमारत की दूसरी मंजिल से मजदूर की बेटी की गिरने से मौत हो गई थी। भवन निर्माण कार्य से जुड़े जानकारों का कहना है कि जिन घरों में बच्चे हों उनमें निवास करने वाले परिवार के अलावा भवन निर्माता की भी यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वह सुरक्षा के इंतजाम करें। रेलिंग से अगर बच्ची के निकलने का स्थान ही नहीं होता तो यह हादसा भी नहीं होता।
जानकारों का कहना है कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा भवन निर्माण को लेकर तमाम शर्तें तय की गई हैं। इन शर्तों का भवन निर्माता पालन नहीं करता और नगर निगम ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से भी कतराता है। परिणामस्वरूप इस तरह के हादसे होते हैं।
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