Una. ऊना। जेजों हादसे ने एक साथ तीन बहनों के परिवार उजाड़ दिए। उफनती जेजों खड्ड में तीन बहनों सुरेंद्र कौर, परमजीत व बलविंद्र कौर के परिवारों के कुल नौ सदस्य मौत का ग्रास बन गए। वहीं खड्ड में बहीं सुरेंद्र कौर व उनकी बहन के पति सरुप चंद का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। हालांकि मंगलवार को भी पंजाब व हिमाचल की टीमों ने जेजों खड्ड में सर्च अभियान चलाया, लेकिन लापता हुए सुरेंद्र कौर व सरुप चंद का कोई अता-पता नहीं चल पाया है। उक्त हादसे में सुरेंद्र कौर का पति अमरीक सिंह, परमजीत कौर का बेटा दीपक भाटिया व पलविंद्र कौर का बेटा नंद किशोर ही बचे हैं।
अमरीक सिंह व नंद किशोर कामकाज के लिए विदेश में गए थे। वहीं परमजीत कौर का बेटा दीपक भाटिया भी उन्हीं के साथ इनोवा गाड़ी के साथ मौजूद था। जब पानी के तेज बहाव में गाड़ी बही थी तो दीपक भी उसी गाड़ी में बह गया था, लेकिन मौका पर मौजूद लोगों ने रस्सों की मदद से दीपक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था, लेकिन अन्य गाड़ी सवार लोगों को नहीं बचा पाए थे। हालांकि उसी दिन नौ शव खड्ड में से बरामद कर लिए गए थे, लेकिन हादसे के तीन दिन बीतने के बाद भी सुरेंद्र कौर व सरुप चंद का पता नहीं चल पाया है। प्रशासन द्वारा सर्च अभियान में पांच ट्रैक्टरों, एक जेसीवी, ड्रोन, डॉक स्क्वायड की मदद से तीसरे दिन भी सर्च अभियान जारी रखा, लेकिन आज भी लापता लोगों का पता नहीं लग पाया। भटोली व देहलां के लोग भी अपनों को ढूंढने के लिए जेजों खड्ड में जुटे रहे।
अमरीक सिंह व नंद किशोर विदेश से बीती रात ही अपने घरों में पहुंचे है। भटोली निवासी अमरीक सिंह जब घर पहुंचे तो अपने कलेजे के टुकड़े तीन बच्चों के शव देखकर बेसुध हो गए। शव देखकर अमरीक सिंह की अश्रुधारा व चीखों पुकार रुकने का नाम नहीं ले रही थी। उधर, पलविंद्र कौर का बेटा नंद किशोर घर में एक साथ अपने परिवार के पांच लोगों के शव देखकर फूट-फूट कर रोने लगा। बहरहाल जेजों हादसा नंदकिशोर, दीपक भाटिया व अमरीक सिंह कभी न भूलने वाला दुख दे गया है। मंगलवार को देहलां व भटोली गांव के आठ सदस्यों की चिताएं एक साथ जली। भटोली गांव के अमरीक सिंह के तीन बच्चों बेटे हर्षित, बेटी भावना, बेटी अमानत को एक ही चिता पर मुखाग्रि दी गई। जबकि देहलां गांव के सुरजीत, उनकी पत्नि परमजीत कौर, बेटा गगनदीप व उनके भाई सरुप की पत्नि पलविंद्र कौर, बेटे नितिन की चिताओं को भी मुखाग्रि दी। नंद किशोर व दीपक भाटिया ने अपने-अपने परिजनों की चिताओं को मुखाग्रि दी। इस मौके पर ऊना विस क्षेत्र से विधायक सतपाल सिंह सत्ती, पूर्व विधायक सतपाल सिंह रायजादा सहित भारी संख्या में लोग अंतिम संस्कार में मौजूद रहे।