HP: उपायुक्त अनुपम कश्यप के जिला के सभी शहरी स्थानीय निकाय को आदेश

Update: 2024-08-24 11:16 GMT
Shimla. शिमला। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला शिमला के सभी शहरी स्थानीय निकाय अपने-अपने क्षेत्र में साफ-सफाई को लेकर मापदंड तैयार करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जुडऩे की आवश्यकता है। उपायुक्त शुक्रवार को यहां हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित जिला पर्यावरण योजना से संबंधित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सिंग्ल यूज प्लास्टिक के निष्पादन को लेकर भी कई मुद्दे सामने आए हैं, जिनका निवारण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किलो के हिसाब से एकल उपयोग प्लास्टिक की खरीद में दिशा निर्देशों के अनुसार केवल साफ प्लास्टिक ही खरीदा जाए ताकि उसका आगे उपयोग किया जा सके। इसके अतिरिक्त, एकल उपयोग प्लास्टिक बायबैक योजना के तहत प्लास्टिक बेचने वाले को उसका भुगतान उसी समय हो इस संबंध में भी उच्च स्तर पर बात की जाएगी तभी यह योजना सार्थक होगी। बैठक में बताया गया कि एकल उपयोग प्लास्टिक की वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने हेतु जुलाई 2023 से जुलाई 2024 तक 728 निरीक्षण हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तथा 1936 निरीक्षण जिला नियंत्रक खाद्य
आपूर्ति विभाग किए गए।

इस दौरान हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उल्लंघन के 215 मामले पाए गए, जिनमें दो लाख 23 हजार के चालान किए गए। जिला शिमला में 11 शहरी स्थानीय निकाय हैं जिनमें घर-घर से कूड़ा उठाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, सभी शहरी स्थानीय निकाय ने नियम बनाए हुए हैं और अपने-अपने क्षेत्र में हॉटस्पॉट भी चिन्हित किए हुए हैं। बैठक में बताया गया कि पानी की गुणवत्ता के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हर माह विभिन्न नदियों और नालों से 29 सैंपल एकत्रित करता है। इसके अतिरिक्त, 3 रियल टाइम जल गुणवत्ता निगरानी स्टेशन अश्विनी, पब्बर और गिरी नदी में स्थापित किए जाने प्रस्तावित हैं। इसी प्रकार हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला के 4 स्थानों टूटू, बियोलिया, सैंज और रोहड़ू से भूजल सैंपल एकत्रित कर उनकी जांच की गई और सभी सही पाए गए। इसी कड़ी में जल शक्ति विभाग रामपुर द्वारा 3 हैंडपंप को प्रदूषित जल पाए जाने पर सील किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है । जिला में ध्वनि प्रदूषण की जांच हेतु केवल दो मशीनें उपलब्ध हैं। उपायुक्त ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए अन्य अधिकारियों को भी कार्रवाई करने का अधिकार सौंपने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त, प्रेशर हॉर्न के प्रयोग पर नियंत्रण रखने के लिए एक विशेष अभियान चलाने की आवश्यकता है। जिला प्रशासन ने शिमला के 24 स्थानों को साइलेंस जोन घोषित किया हुआ है।
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