HPU में तैनात शालिनी गुप्ता की याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला

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Update: 2024-07-23 09:49 GMT
Shimla. शिमला। प्रदेश हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के गणित विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डाक्टर शालिनी गुप्ता की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने एकल पीठ के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया वे एकल पीठ के निर्णय से सहमत नहीं हैं कि अपीलकर्ता की नियुक्ति हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय अधिनियम 1970 के अनुरूप नहीं है। खंडपीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि एचपीयू के प्रथम क़ानून के खंड 11(&द्ब1) में कार्यकारी परिषद को अपनी किसी भी शक्ति को कुलपति को सौंपने की अनुमति है। इसी तरह कार्यकारी परिषद के 21 नवंबर, 2020 को पारित प्रस्ताव के तहत कुलपति को नियुक्ति प्राधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए
अधिकृत किया गया है।

अत: अधिनियम में निहित प्रावधान और कार्यकारी परिषद के 21 नवंबर, 2020 के संकल्प को ध्यान में रखते हुए खंडपीठ ने कहा कि वे एकल पीठ के निर्णय से प्रथम दृष्टया सहमत नहीं है। कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई 23 सितंबर को निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता डा. राजेश कुमार शर्मा द्वारा गणित विभाग में एसोसिएट प्रोफेसरों की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकारते हुए ये नियुक्तियां रद्द कर दी थी। कोर्ट ने विश्वद्यिालय को कानून के अनुसार नए सिरे से इन पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के आदेश भी दिए थे। कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए कहा था कि कोर्ट को यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि कार्यकारी परिषद ने ऐसी प्रत्यायोजित शक्ति का प्रयोग किया, जो शक्ति इसके पास नहीं हो सकती थी और इसके कारण कुलपति ने एसोसिएट प्रोफेसर (गणित) के पद पर निजी प्रतिवादियों को नियुक्तियां दे दी।
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