Nahan. नाहन। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब से गुम्मा नेशनल हाई-वे-707 के निर्माण के दौरान की जा रही अनियमितताओं को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत दर्ज कर मामला पहुंचाने वाले पर्यावरणविद व जाने माने समाजसेवी नाथू राम चौहान का कहना है कि इस मार्ग के निर्माण के दौरान करीब 103 किलोमीटर के दायरे में 270 के आसपास पेयजल स्त्रोत का नामोंनिशान मिट चुका है। इसके अलावा अवैज्ञानिक तरीके से की जा रही डंपिंग से क्षेत्र के किसानों के खेत खलिहान, घासनियां बर्बाद हो चुकी हैं। यही नहीं प्राकृतिक जल स्त्रोतों के साथ-साथ नदी-नालों के रूख बरसात के दौरान भारी भू-स्खलन से बदलने लगे हैं, जिस कारण कोई भी बड़ी घटना हो सकती है। पांवटा साहिब-गुम्मा नेशनल हाई-वे का निर्माण कर रही कंपनियों द्वारा ग्रीन कोरिडोर को लेकर तय किए गए मापदंड का पालन नहीं किया जा रहा है।
वर्तमान में अब स्थिति यह हो चुकी है कि इस मार्ग पर जो दशकों पुराने पेयजल स्त्रोत बचे हैं अब उनको बचाने के लिए लोग आगे आने लगे हैं। इसी कड़ी में पांवटा साहिब-गुम्मा नेशनल हाई-वे पर कमरऊ के समीप जो प्राकृतिक जल स्त्रोत दशकों पुराना बचा है उसको बचाने के लिए कमरऊ गांव के ग्रामीण भी लामबंद्ध हो गए हैं। पर्यावरणविद नाथू राम चौहान का कहना है कि कमरऊ व शिलाई के आसपास नेशनल हाई-वे-707 पर स्टोन क्रशर व तारकोल मिक्सिंग प्लांट बिना अनुमति के संचालित किए जा रहे हैं। इस मामले में पर्यावरणविद व समाजसेवी नाथू राम चौहान ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में शिकायत की थी, जिसके बाद एनजीटी ने हाई पावर कमेटी का गठन कर 14 विभागों को जांच का जिम्मा सौंपा था। जांच के लिए टीमों द्वारा जब क्षेत्र का दौरा किया गया तो इस दौरान भी भारी खामियां सामने आई थी। इनमें मुख्य रूप से एक मामला यह भी सामने आया था कि विभिन्न स्थानों पर जो क्रशर व मिक्सिंग प्लांट संचालित किए जा रहे थे वह बिना अनुमति के थे। ऐसे में प्रशासन व विभागों को संबंधित कंपनियों के खिलाफ उचित कार्रवाई को लेकर एक बार फिर से एनजीटी का दरवाजा खटखटाने की तैयारी की जा रही है।