सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई अभी टल गई है. अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे. आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी. सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी.
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक, बीती रात नाले में गिरने के कारण एक किसान की मौत हुई है. जिसके बाद किसानों में गुस्सा है और PWD विभाग के खिलाफ एक्शन की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से पी. चिदंबरम ने अपना पक्ष रखा, उन्होंने कहा कि किसी भी किसान संगठन ने सड़क जाम करने की बात नहीं की है. प्रशासन द्वारा रास्ते बंद किए गए हैं. अदालत की ओर से कहा गया है कि इतनी बड़ी भीड़ की जिम्मेदारी कौन लेगा, कोर्ट ये काम नहीं कर सकता है.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन ये कैसे हो इसपर चर्चा हो सकती है. अदालत ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं. अदालत ने कहा कि प्रदर्शन का अंत होना जरूरी है, हम प्रदर्शन के विरोध में नहीं हैं लेकिन बातचीत भी होनी चाहिए. चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें नहीं लगता कि किसान आपकी बात मानेंगे, अभी तक आपकी चर्चा सफल नहीं हुई है इसलिए कमेटी का गठन जरूरी है. अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि 21 दिनों से सड़कें बंद हैं, जो खुलनी चाहिए. वहां लोग बिना मास्क के बैठे हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा है.
सबसे पहले हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं. हरीश साल्वे ने कहा कि इस प्रदर्शन के कारण दिल्लीवासी प्रभावित हुए हैं. ट्रांसपोर्ट पर असर के कारण सामान के दाम बढ़ रहे हैं. अगर सड़कें बंद रही तो दिल्ली वालों को काफी दिक्कत होगी. हरीश साल्वे ने कहा कि प्रदर्शन के अधिकार का मतलब ये नहीं कि शहर बंद कर दिया जाए. इसपर चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि हम इस मामले में देखेंगे, किसी एक मसले की वजह से दूसरे के जीवन पर असर नहीं पड़ा चाहिए.