राजस्थान के बाद अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड कांग्रेस में कलह शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत पार्टी से नाराज हो गए हैं और वो 5 जनवरी को राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा कर सकते हैं. हरीश रावत के करीबी सूत्रों के मुताबिक वो आने वाले दिनों में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं. करीबी सूत्रों ने कहा कि वो आगामी विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर नाराज हैं.
वहीं दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि हरीश रावत खुद को सीएम का चेहरा घोषित करवाए जाने के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने हरीश रावत की नाराजगी को लेकर कहा कि वो सीनियर नेता हैं. उनसे हमारी बात नहीं हुई है. उनसे बात करने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा.
बता दें कि इससे पहले हरीश रावत के ट्वीट से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मच गई थी. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के चुनाव प्रचार कमेटी के अध्यक्ष हरीश रावत ने ट्वीट कर कहा था, है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है. इसके बाद से ही अंदाजा लगाया जाने लगा था कि हरीश रावत संगठन से नाराज चल रहे हैं. हालांकि उनके विरोधी इसे उनकी प्रेशर पॉलिटिक्स करार दे रहे हैं.