तारों के जाल में उलझा हमीरपुर, खंभों पर एक साथ हजारों तारें

Update: 2024-09-02 11:22 GMT
Hamirpur. हमीरपुर। शहर की दिनों-दिन बढ़ रही आबादी द्वारा की जा रही कंस्ट्रक्शन के कारण बिजली कनेक्शन की बढ़ी डिमांड ने हमीरपुर शहर को विद्युत तारों के जाल से जकड़ दिया है। बिजली के एक खंभे पर दर्जनों घरों को रोशन करने की जिम्मेवारी लाद दी गई है। ओवरलोड जिम्मेवारी के बोझ तले दबे खंभों की हालत दिनों दिन बद से बदतर होती जा रही है। चिंता इस बात की है इन खंभों से निकलकर शहर होकर गुजर रही लाइनें भवनों के बिलकुल नजदीक हैं। इस कारण यहां पर हादसों से भी इनकार नहीं किया जा सकता। दिव्य हिमाचल की तफ्तीश में यह भी सामने आया कि बिजली की तारें कई जगहों पर नंगी हैं। इन्हें टेपिंग तक नहीं की गई है। नंगी तारें भवनों के साथ भी देखी गई हैं जहां पर हादसे का खतरा बहुत ज्यादा है। वहीं वार्डों में भी हालात चिंताजनक हैं। कई जगहों पर तारों का डरावना
दृश्य देखा जा रहा है।

भवनों के कुछ फीट की दूरी पर एचटी लाइनें गुजर रही हैं। जाने अनजाने इन लाइनों की चपेट में कोई भी जा सकता है। हाल ही में वार्ड नंबर दो में नेपाली मूल की 14 वर्षीय किशोरी की करंट लगने से मौत हो चुकी है। दिलचस्प पहलू यह है कि बिजली करंट से होने वाले हादसों का ठिकरा बिजली बोर्ड के सिर पर फोडऩे का प्रयास किया जाता है, हालांकि इसके लिए लोगों की मानमानियां भी जिम्मेवार हैं। पड़ताल में सामने आया है कि बिजली लाइनें वर्षों पूर्व डली हुई हैं, जबकि इनके नीचे भवनों का निर्माण बाद में हुआ है। नगर परिषद एरिया में इस तरह के निर्माण कार्य होना टीसीपी और नगर परिषद की कार्यशैली को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है। जब इस तरह से कंस्ट्रक्शन की गई तो दोनों ही विभागों ने नियमों की पालना करवाना क्यों सुनिश्चित नहीं किया। आज हालात ऐसे हैं कि अगर बिजली बोर्ड ने वार्ड में किसी लाइन को बदलना हो तो पोल गाडऩे के लिए भी उचित स्पेस नहीं है। वार्डों में मकान इतने घने हो चुके हैं कि बिजली तारों को मकानों की दीवारों को छूते हुए निकाला गया है। हालांकि यह जरूर है कि बिजली की तारों पर टेपिंग न होना, बिजली बोर्ड की ढुलमुल कार्यशैली को भी दर्शा रहा है।
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