गुजरात दंगा: तीस्ता सीतलवाड़ गिरफ्तार

Update: 2022-06-26 06:41 GMT

भाजपा का आरोप, कांग्रेस ने हवा दी

मुंबई/नई दिल्ली (ए/नेट डेस्क)। 2002 गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले दिन शनिवार को गुजरात एटीएस की दो टीमों ने तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिया है। तीस्ता के अलावा पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार भी गिफ्तार हुए हैं। इसके बाद उनके एनजीओ की जांच के लिए एटीएस की टीम उन्हें अहमदाबाद ले गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जाकिया जाफरी की याचिका खारिज करते हुए तल्ख टिप्पणी करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की जांच की और जरूरत बताई थी। माना जा रहा है कि इसके बाद एटीएस ने यह कार्रवाई की है। वहीं, शनिवार सुबह भी गृह मंत्री अमित शाह ने भी तीस्ता सीतलवाड़ समेत कई राजनेताओं पर नरेंद्र मोदी को बदनाम करने का आरोप लगाया था। भाजपा ने आरोप लगाया कि इस मामले में कांग्रेस ने हवा दी।

गुजरात एटीएस ने तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मुंबई स्थित सांताक्रूज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें कहा गया है कि उन पर आईपीसी की धारा 468 और 471 के तहत जालसाजी का आरोप लगाया गया है। एटीएस अधिकारी जैस्मीन रोजिया ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ को सांताक्रूज पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें अहमदाबाद शहर के पुलिस थाने ले जाया जाएगा। एटीएस अधिकारी के मुताबिक, उन्हें अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, केवल हिरासत में लिया गया है।

भाजपा का आरोप : गुजरात दंगों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी खासी आक्रामक है। इसी क्रम में शनिवार को भाजपा ने कांग्रेस और सोनिया गांधी के खिलाफ मोर्चा खोला। भाजपा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि गुजरात दंगों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तीस्ता सीतलवाड़ के कैंपेन को कांग्रेस और सोनिया ने हवा दी। गुजरात एटीएस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद भाजपा ने तीस्ता सीतलवाड़ पर भी तेज हमले किए।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया है फैसला : प्रेस कांफ्रेंस में बोलते हुए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीस्ता सीतलवाड़ को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोर्ट उन लोगों पर भी सवाल खड़े किए हैं, जिन्होंने इस मुद्दे को हवा दी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2002 में गोधरा दंगों के बाद हुई हिंसा पर एसआईटी द्वारा दी गई क्लीन चिट के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी थी। यह क्लीन चिट गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को दी गई थी।

गलत साबित हुए थे सीतलवाड़ के एनजीओ के विवरण

सीतलवाड़ का एनजीओ जाकिया जाफरी को समर्थन देता था। जाकिया जाफरी ने अपनी पेटीशन में गोधरा कांड के बाद हुई हिंसा में साजिश का आरोप लगाया था। इस हिंसा में जाफरी के पति और पूर्व कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी की मौत हो गई थी। पात्रा ने इस दौरान रिकॉर्ड्स का हवाला देते हुए कहा कि सीतलवाड़ और उनके एनजीओ ने गलत विवरण पेश किए, जो बाद में झूठे साबित हुए।

पैसों का किया दुरुपयोग

पात्रा ने यह भी कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ दंगा पीडि़तों के लिए जुटाए गए धन का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। उन्होंने इन पैसों का निजी सुख-सुविधा और आनंद के लिए इस्तेमाल किया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस शासित यूपीए सरकार, खासकर शिक्षा मंत्रालय ने सीतलवाड़ के एनजीओ को 1.4 करोड़ रुपए दिए थे। पात्रा ने कहाकि इस पैसे का इस्तेमाल मोदी के खिलाफ कैंपेन चलाने और भारत को बदनाम करने में किया गया था। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि विपक्ष सच का सामना करे।

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