Court के आदेशों से सरकार की मुश्किलें बढ़ीं

Update: 2024-07-22 10:07 GMT
Shimla. शिमला। कर्मचारियों की बकाया वित्तीय देनदारियों के भुगतान को लेकर लगातार आ रहे अदालती आदेशों से सरकार की परेशानी बढ़ गई है। वित्तीय कठिनाइयों के दौर से गुजर रही सरकार पर इससे वित्तीय बोझ बढ़ रहा है। यह ऐसा बोझ है, जिसके बारे में सरकार ने पहले सोचा नहीं था, मगर अचानक से अब उसके चुकता करने की चुनौती उसके सामने है। ऐसे में सरकार का वित्त विभाग खासा परेशान है और इसका हल निकालने के लिए वित्त विभाग ने सोमवार को एक बैठक बुलाई है। विभागीय अधिकारियों की यह अहम बैठक होगी। इस बैठक में अदालती आदेशों के बाद रिटायर कर्मचारियों के एरियर के भुगतान के मुद्दे पर चर्चा होगी। एक ओर जहां सरकार ने सेवारत कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन के एरियर की एक किस्त का भुगतान किया है, वहीं दूसरी ओर 2016 व 2021 के बीच के पेंशनरों की संशोधित ग्रेच्युटी के साथ-साथ संशोधित दरों पर पेंशन कम्यूटेशन का भी
भुगतान नहीं किया है।

हैरानी की बात यह है कि 2021 के बाद रिटायर हुए कर्मचारियों को संशोधित दरों पर ग्रेच्युटी का भुगतान कर दिया गया है। एक-एक कर्मचारी की ग्रेच्युटी की रकम ही लाखों में है। लिहाजा कर्मचारी काफी संख्या में अपनी मांग को लेकर अदालत की शरण में गए हैं, जहां से उनके हक में फैसले आ रहे हैं। इन फैसलों से सरकार की सिरदर्दी बढ़ गई है। हाई कोर्ट से एक के बाद एक कई कर्मचारियों के हक में फैसले आ चुके हैं। अदालती आदेशों के बाद अब सरकार भुगतान को विवश है। प्रदेश सरकार ने कर्मचारी और पेंशनरों को करीब 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक एरियर की अदायगी करनी है। इसके अलावा कर्मचारी, पेंशनरों का 12 फीसदी महंगाई भत्ता चुकाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए चाहिए। वित्तीय भुगतान का कोई नया फार्मूला तलाशने के मकसद से वित्त विभाग ने अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में विभिन्न विभागों एवं निगम, बोर्ड में लंबित वित्तीय अदायगियों की जानकारी जुटाई जाएगी। वित्त विभाग कर्मचारी व पेंशनरों की वित्तीय अदायगियां करने के लिए कोई नया फार्मूला तैयार कर सकता है। मंत्रिमंडल की बैठक में भी चर्चा हो सकती है। रास्ता निकाला जाएगा कि आखिर कहां से पैसा अदा किया जाए।
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