Una. ऊना। राष्ट्रीय संत बाबा बाल जी महाराज आश्रम कोटला कलां में गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने लाइनों में लगकर बाबा बाल जी महाराज के चरणों में शीश नवाकर आशीर्वाद प्राप्त किया। बाबा बाल जी महाराज ने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। इस मौके पर मंदिर परिसर में पूरा दिन प्रवचन कीर्तन चलता रहा। श्रद्धालुओं के लिए मेडिकल कैंप भी लगाया गया। जिसमें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों का स्वास्थ्य जांचा और लोगों को निशुल्क दवाईयां भी आबंटित की। बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि भगवान का सुमिरन करने पर ही हमें सच्चे सुख की अनुभूति हो सकती है। इन सांसारिक वस्तुओं को हम धन दौलत से खरीद तो सकते हैं, लेकिन यह हमें सच्चा सुख प्रदान नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि इंसान हर समय धन दौलत कमाने के बारे में सोचता है।
लेकिन असली कमाई तो प्रभु के सुमिरन की करनी चाहिए। केवल भगवान का किया हुआ सुमिरन ही हमारे साथ जाएगा। कई बार हम सत्संग में बैठे होते हैं लेकिन हमारा मन कहीं और घूम रहा होता है। हमें चाहिए कि अपने मन को सत्संग में टिकाकर बैठें और संत जो प्रवचन करते हैं उस पर अमल करें। संतों के प्रवचनों के कहे अनुसार अपने जीवन को ढालें। जब संतों की कृपा होती है तो वह हमें नामदान प्रदान करते हैं और हमारे तार परमात्मा से जोड़ देते हैं। बाबा बाल जी महाराज ने कहा कि भगवान विपत्ति में अपने भक्त का साथ अवश्य देते हैं। खुशी में हम भगवान को भूल जाते हैं, यदि हम हर समय खुशी में भी भगवान को याद रखेेंगे तो हमें कभी भी दुख के दिन नही देखने पड़ेंगे। श्रीकृष्ण का नाम सुनने व बोलने से ही पाप कट जाते हैं। इसलिए जब भी कभी दुखों से सामना हो तो इस संसार में किसी से भी सहायता मांगने की बजाए भगवान की शरण में जाना चाहिए। जब सभी अपने पराए आपका साथ छोड़ जाएं तो भगवान श्रीकृष्ण पर विश्वास रखना और उन्हें सच्चे मन से याद करना वे ही आपकी सहायता करेंगे।