Shimla. शिमला। शिमला का विकासनगर एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां पर एक बड़ी आबादी रह रही है। यहां पर कई तरह की मूलभूत सुविधाओं की कमी है, जिनको पूरा करना बेहद जरूरी है। विकासनगर एक बड़ा रिहायशी एरिया है, जहां के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कुछ योजनाएं लाई गई हैं, मगर इन योजनाओं पर धीमी गति से काम चल रहा है। शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट बंद होने की कगार पर है, लेकिन विकासनगर में जो कुछ किया जाना था, वो अब तक पूरा नहीं हो सका है। यहां पर लोगों को पैदल चलने के लिए बेशक मार्ग तैयार हो गया है, लेकिन इससे आगे पार्किंग का निर्माण अधूरा है तो वहीं लिफ्ट के साथ फुट ओवर ब्रिज बनाए जाने का काम भी अधूरा पड़ा है। अब दिसंबर तक का एक नया लक्ष्य विकासनगर में लिफ्ट और फुट ओवर ब्रिज के लिए रोप-वे कारपोरेशन को दिया गया है। तय टाइम लाइन पर यह काम पूरा होगा या नहीं यह कहा नहीं जा सकता। हालांकि रोप-वे कारपोरेशन ने काम को तेज गति देने के लिए कोशिशें की हैं, मगर अभी इसमें कई तरह की अड़चनें भी आ रही हैं। ऐसे में लोगों को दिसंबर तक यहां छोटा शिमला से जुडऩे वाली लिफ्ट का लाभ मिलेगा, यह कहा नहीं जा सकता। यहां पर लिफ्ट का तीन चरणों में काम पूरा किया जाना है। एक चरण का काम पूरा हो चुका है, मगर दो चरण अभी भी अधूरे हैं।
दिसंबर महीने के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में समय पर काम पूरा होने को लेकर शंका पैदा हो रही है। अभी विकासनगर से ऊपर मुख्य मार्ग जो नेशनल हाई-वे है, के लिए एक लिफ्ट का निर्माण किया गया है, मगर उसके साथ आगे फुटओवर ब्रिज बन तो गया है मगर पूरी तरह से तैयार नहीं है। लोग लिफ्ट में फिलहाल फ्री ऑफ कॉस्ट यात्रा कर रहे हैं जो मुख्य मार्ग तक उनको पहुंचा रही है। इससे ऊपर की ओर रिहायशी इलाका है, जहां पर काम करने में काफी ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं। यहां पर सभी सरकारी आवास हैं और बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। ऊपर के दो चरणों में जो लिफ्ट व फुट ओवर ब्रिज का काम किया जाना है, उसके लिए 7.61 करोड़ रुपए का बजट रखा है। इस बजट से यहां पर काम चल रहा है। पहले चुनाव की वजह से यहां पर टेंडर को बढ़ाने में कुछ दिक्कत रहीं तो वहीं, बरसात के कारण भी काम में दिक्कत है, क्योंकि जहां पर खुदाई का काम हो रहा था, वहां बारिश होने के बाद बार-बार मलबा गिर जाता है। पिछली बरसात में यहां पर एक डंगा भी गिर गया था, जिसको भी साथ में तैयार करना पड़ा और उसमें समय लग गया। हालांकि पैदल पथ लोगों के लिए काफी फायदेमंद है और लिफ्ट का निर्माण दो पेड़ तक हो जाए तो उससे और ज्यादा लाभ लोगों को मिलेगा। इस प्रोजेक्ट की सोच यही है कि विकासनगर के लोग यहां से लिफ्ट के माध्यम से दो पेड़ तक पहुंचे और वहां से स्कॉईवॉक के जरिए वो सचिवालय तक आसानी से जाएं। इस बीच उनको मार्ग में वाहनों का जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा और सडक़ के ऊपर-ऊपर से ही लोग सचिवालय तक पहुंच जाएंगे। यह प्रोजेक्ट महत्त्वकांक्षी है और लोग भी इसके निर्माण का इंतजार कर रहे हैं। इससे लोगों को बेहद सुविधा मिलेगी, लेकिन तय अवधि में इसका निर्माण कार्य नहीं हो पाने से थोड़ी परेशानी जरूर है। स्मार्ट सिटी में बन रहे इस प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।