मच्छरों के बड़े खतरे से बचाने को सरकारी तैयारियां बहुत छोटी, सर्वे में 70 फीसदी भारतीयों ने किया ये दावा

Update: 2021-09-01 07:38 GMT

देश के अलग-अलग हिस्सों में जुलाई से लगातार बारिश हो रही है, इस वजह से कुछ राज्यों में मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है. अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया के मरीज बढ़ रहे हैं. मच्छरों को मारने के लिए इनडोर और आउटडोर फॉगिंग का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन 70 फीसदी भारतीय परिवारों का कहना है कि उनके नगर निगम या पंचायत अपने क्षेत्र में मच्छर मारने के लिए फॉगिंग बिल्कुल नहीं करते हैं या शायद ही कभी कोई फॉगिंग की होगी.

79 फीसदी भारतीय परिवार हर महीने खुद ही मच्छर नियंत्रण का खर्चा उठा रहे हैं. 35 फीसदी से ज्यादा परिवार हर महीने 200 रुपये या अधिक खर्च कर रहे हैं. केवल 5 फीसदी भारतीय परिवार मच्छर मारने के लिए फॉगिंग का इस्तेमाल करते हैं, जबकि अधिकांश परिवार दवाओं, रैकेट, कॉइल, स्प्रे या क्रीम पर निर्भर हैं. ये बात लोकलसर्किल सर्वे में सामने आई है.
लोकलसर्किल ने भारत के 352 जिलों में रहने वाले 38,000 से अधिक भारतीयों से राय लीं. इसमें 61 फीसदी पुरुष थे जबकि 39 फीसदी महिलाएं थीं. 43 फीसदी उत्तरदाता टियर-1 जिलों से थे, 31 फीसदी टियर-2 और 26 फीसदी उत्तरदाता टियर-3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे.
35 फीसदी भारतीय परिवार हर महीने मच्छर पर 200 रुपये या अधिक करते हैं खर्च
सर्वे में नागरिकों से मच्छर नियंत्रण के लिए उनके घरों में इस्तेमाल किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं के बारे में पूछा गया. जवाब में 5 फीसदी ने कहा कि वे फॉगिंग करते हैं. 32 फीसदी ने कहा, किसी मशीन, कॉइल या रैकेट का इस्तेमाल करते हैं. 15 फीसदी लोगों ने कहा, कोई तरल पदार्थ, स्प्रे, क्रीम का इस्तेमाल उनके घरों में मच्छरों को नियंत्रित किया जाता है. कुल मिलाकर, केवल 5 फीसदी भारतीय परिवार मच्छर नियंत्रण के लिए फॉगिंग का इस्तेमाल करते हैं, जबकि ज्यादातर क्रीम, रैकेट, कॉइल, स्प्रे पर निर्भर हैं.
लोगों से एक सवाल ये भी किया गया कि नगर निगम या पंचायत ने उनके एरिया में कितनी बार फॉगिंग की. जवाब में 37 फीसदी लोगों ने कहा कि नगर पालिका या पंचायत ने कभी भी फॉगिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया. 33 फीसदी ने कहा कि 1 से 2 बार, 10 फीसदी ने कहा कि 3-6 बार, 8 फीसदी ने कहा कि 6 से 12 बार और 5 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके एरिया में 12 बार से ज्यादा सालभर में फॉगिंग हुई. 7 फीसदी नागरिकों ने कोई जवाब नहीं दिया. कुल मिलाकर 70 फीसदी भारतीय परिवारों का कहना है कि उनका नगर निगम या पंचायत अपने क्षेत्र में मच्छर नियंत्रण के लिए फॉगिंग नहीं करता है या शायद ही कभी करता है.
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