Gagret Panchayat समिति सचिवों को भेजेगी नोटिस

Update: 2024-06-26 11:18 GMT
Gaggeret. गगरेट. पंचायत समिति सदस्यों द्वारा पारित किए गए विकास कार्यों को धरातल पर न उतारने को लेकर पंचायत समिति सदस्य इस कद्र बिफर गए हैं कि पंचायत समिति सदस्यों द्वारा पारित शेल्फ के कार्यों को न करने को लेकर अब पंचायत सचिवों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया जाएगा। मंगलवार को पंचायत समिति के सभागार में आयोजित पंचायत समिति की बैठक में समिति द्वारा पारित शेल्फ के कार्यों को धरातल पर न उतारने का मुद्दा खूब उछला। जिस पर खंड विकास अधिकारी तविंदर चिनौरिया ने पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। विभिन्न पंचायत समिति वार्डों से चुनकर आए पंचायत समिति सदस्य भी अपने-अपने वार्ड में विकास कार्यों को करवाने के लिए शेल्फ पारित कर इन कार्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए विभिन्न पंचायतों को भेजती है। विकास खंड गगरेट की सूरत-ए-हाल ये है कि वित्त वर्ष 2020-21 से लेकर अब तक जितने भी शेल्फ पारित कर विकास कार्यों को
अमलीजामा पहनाने के लिए भेजे गए हैं
उन पर काम ही नहीं हुआ है। मंगलवार को पंचायत समिति अध्यक्ष रीना धीमान की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मुद्दा खूब उठा। पंचायत समिति सदस्यों ने कहा कि जब उनके द्वारा प्राथमिकता के आधार पर लिए गए विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाना ही नहीं है तो फिर पंचायत समिति द्वारा शेल्फ पारित करने का लाभ ही क्या है। जब सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की नजर में पंचायत समिति सदस्यों का कोई मूल्य ही नहीं तो फिर सरकार पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव करवाना ही बंद कर दे। पंचायत समिति सदस्य भी जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं और उनकी भी जनता के प्रति जवाबदेही है। इस मामले का खंड विकास अधिकारी तविंदर सिंह चिनौरिया ने भी कड़ा संज्ञान लेते हुए पंचायत सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। यही नहीं बल्कि पंचायत समिति अब ग्राम पंचायतों में सोलर लाइट लगाने के लिए सीधा फंड पंचायतों को नहीं देगी बल्कि अब पंचायत समिति सोलर लाइट के लिए आने वाले फंड को हिम उर्जा विभाग को ट्रांसफर करेगी ताकि गांवों में सोलर लाइटें हिम उर्जा विभाग के माध्यम से ही स्थापित करवाई जा सकें। बैठक में पंचायत समिति के अधिकार क्षेत्र में आने वाले आम के पौधों पर लगे आम सके फलों की नीलामी के लिए एक सब कमेटी का भी गठन किया गया। यह सब कमेटी ही आम के फलों की नीलामी की प्रक्रिया को अंतिम रूप देगी। यही नहीं बल्कि ऐसे पेड़ों को भी चिंहित किया जाएगा जो सडक़ किनारे या तो सूख चुके हैं या फिर कई रिहायशी मकानों के लिए खतरा बने हुए हैं। इन्हें काटने के लिए भी वन निगम को लिखा जाएगा।
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