क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में सामने आया स्क्रब टायफस का पहला मामला

Update: 2024-08-29 11:19 GMT
Una. ऊना। क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में बुधवार को बरसात के सीजन में स्क्रब टाइफस का पहला मामला सामने आया है। स्क्रब टाइफस की चपेट में आए एक बच्चे को सुबह के समय उसके परिजनों द्वारा क्षेत्रीय अस्पताल में लाया गया था, जहां उसे उपचार के बाद डॉक्टरों ने उन्हें घर भेज दिया गया। स्वास्थ्य विभाग ने जिला के लोगों को स्क्रब टाइफस से बचने के लिए तथा इसकी चपेट में आने पर तुरंत स्वास्थ्य उपचार लेने के लिए कहा है। चिकित्सकों के अनुसार स्क्रब टाइफस संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स/मासपिस्सू)के काटने से लोगों में फैलता है। स्क्रब टाइफस के सबसे आम लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और दाने शामिल हैं। मक्खी के काटने से स्क्रब टाइफस नहीं होता, बल्कि स्क्रब टाइफस संक्रमित चिगर्स(लार्वा माइट्स)के काटने से फैलता है। मानसून के समय माइट्स की संख्या बढऩे की वजह से स्क्रब टाइफस के
मामले भी बढ़ जाते हैं।

दरअसल, स्क्रब टाइफस एक विशेष बैक्टीरिया के फैलने के कारण होती है। डॉक्टर्स इसे बुश टाइफस भी कहते हैं। यह बीमारी हार्ट, लीवर, फेफड़े, दिमाग को नुकसान पहुंचाती है। बरसात के मौसम में जैसे डेंगू, मलेरिया के मामले बढ़ जाते हैं और इसकी वजह मच्छर ही होता है। इसी तरह से स्क्रब टाइफस भी होता है। हालांकि यह मच्छर की वजह से नहीं बल्कि मच्छर जैसे दिखने वाले जीव (लार्वा माइट्स/मासपिस्सू)के काटने से फैलता है। स्क्रब टाइफस को फैलाने वाला कीड़ा अमूमन गंदी जगहों पर पनपता है, जो दिखने में मच्छर से भी छोटा होता है। उनका कहना है कि अच्छी बात यह है कि इसकी कारगर दवा भी है। जिसके लेने से इससे निजात मिल सकती है। हालांकि इस बीमारी से बचने के लिए अलर्ट रहना जरूरी है। साफ सफाई और कोशिश रहे कि अपने आसपास ज्यादा गंदा पानी न जमा होने पाए। जैसे ही इसके लक्षण दिखे तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। वैसे तो आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में यह बीमारी ज्यादा होती थे। परंतु खेत, झाडिय़ों में इसकी संख्या ज्यादा होती है।
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