लगातार दो बार प्री-एग्जाम में हुईं फेल, ऐसे टॉपर बनीं IAS गुंजन द्विवेदी

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Update: 2021-11-07 01:34 GMT

IAS का एग्जाम दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक हैं. इस परीक्षाओं में हर साल लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं लेकिन सफल चंद किस्मत वालों को ही मिलती है. गुंजन द्विवेदी भी ऐसी ही भाग्यशाली लोगों में से एक हैं, जिन्होंने 2 बार लगातार फेल होने के बावजूद आखिरकार IAS बनने का सपना पूरा कर ही लिया.

मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली गुंजन द्विवेदी के घर पर शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई का अच्छा माहौल था. उनके पिता अशोक कुमार धर द्विवेदी रिटायर्ड IPS थे. उनकी बड़ी बहन उमंग द्विवेदी कमर्शल टैक्स अफसर है. इसके चलते उनमें भी officer बनने की चाहत बचपन से ही घर कर गई थी.
दिल्ली के दौलत राम कॉलेज से बीए किया
गुंजन द्विवेदी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दौलत राम कॉलेज से वर्ष 2014 में राजनीति शास्त्र से बीए किया. ग्रेजुएशन करने के तुरंत बाद वे IAS की तैयारियों में जुट गईं. गुंजन ने अपने घर में बड़े भाई एडवोकेट समन्वय धर द्विवेदी के चैंबर को स्टडी रूम बनाया और वहां पर IAS मॉक टेस्ट सॉल्व करने शुरू किए.
लगातार दो बार प्री-एग्जाम में हुईं फेल
गुंजन द्विवेदी ने पहली बार वर्ष 2016 में UPSC की परीक्षा दी. इस परीक्षा में वे प्री-एग्जाम भी क्लियर नहीं कर सकी. इससे उनका दिल टूट गया. उन्होंने अगले साल फिर UPSC Exam दिया. इस बार भी उन्हें नाकामी हाथ लगी और वे प्री-एग्जाम से आगे नहीं बढ़ सकी. लगातार दो साल तक UPSC के प्री-एग्जाम में फेल होने से उनका हौंसला डगमगाया जरूर लेकिन उन्होंने तैयारियों में कोई कमी नहीं आने दी.
नए सिरे से शुरू की परीक्षा की तैयारियां
उन्होंने अपनी तैयारियों का नए सिरे से विश्लेषण किया और उन कमियों को दूर करने की कोशिश की, जिनकी वजह से वे प्री-क्लियर नहीं कर पा रही थीं. आखिरकार उनकी मेहनत रंग ले ही आई. उन्होंने लगातार तीसरे साल वर्ष 2018 में UPSC Exam दिया. उन्होंने न केवल बेहतरीन तरीके से प्री-एग्जाम क्लियर किया बल्कि मेन एग्जाम और इंटरव्यू क्लियर कर मेरिट में भी जगह बना ली. वर्ष 2019 में घोषित हुए परीक्षाफल में वे ऑल इंडिया में 9वें रैंक पर आईं.
'एकाग्रता के साथ 5-6 घंटे की पढ़ाई काफी'
परीक्षा की रणनीति के बारे में गुंजन बताती हैं कि सिविल सर्विसेज में कामयाबी के लिए ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देना बेहद जरूरी है. इससे लगातार बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है और प्रैक्टिस भी होती है. पढ़ाई के घंटों के बारे में गुंजन (IAS Gunjan Dwivedi) बताती हैं कि कोई जरूरी नहीं कि आप 18-20 घंटे की पढ़ाई करें, पढ़ाई के 5-6 घंटे भी कम नहीं होते अगर आप पूरी एकाग्रता से नियमित पर लगे रहते हैं.
'NCERT की किताबों पर पकड़ करें मजबूत'
वे बताती हैं कि उन्होंने परीक्षा क्लियर करने के लिए NCERT की सारी किताबों को शुरू से आखिर तक कई बार पढ़ा. इसके साथ ही तमिलनाडु की पुस्तकें भी पढ़ीं, जिससे उन्हें आर्ट एंड कल्चर से जुड़े टॉपिक्स पर काफी मदद मिली. इसके साथ ही उन्होंने अपना मोटिवेशनल लेवल ऊंचा रखने के लिए पहले के आईएएस टॉपर्स के इंटरव्यू देखे. गुंजन कहती हैं, मैंने मेघा अरोरा नाम की ऐसी ही आईएएस टॉपर का इंटरव्यू देखा. वह भी लगातार 2 बार UPSC Exam पास करने में फेल हो गई थीं लेकिन तीसरे प्रयास में उसने यह मुश्किल परीक्षा पास कर ली.
'भगवान हनुमान के आशीर्वाद से मिला मौका'
गुंजन द्विवेदी भगवान हनुमान की परम भक्त हैं. वे लखनऊ के हनुमान मंदिर में शुरू से ही जाती रही हैं. जब वे लगातार दो बार UPSC का प्री-एग्जाम पास करने में फेल हो गई थीं तो वे हनुमान मंदिर में जाकर सफलता के लिए प्रार्थना करती थीं. वे कहती हैं कि यह बजरंग बली का ही आशीर्वाद है, जो उन्होंने उन्हें पब्लिक की सेवा का यह मौका दिया है.
UPSC Exam की तैयारी कर रहे युवाओं को वे संदेश देती हैं कि वे छठी से लेकर 12वीं क्लास तक की NCERT की किताबों पर अपनी पकड़ मजबूत करें. इसके साथ ही उत्तर लिखने की बार-बार प्रैक्टिस और टाइम मैनेजमेंट मजबूत रखें. अगर हौंसला बुलंद होगा तो सफलता खुद अपने आप खिंची चली आएगी.
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