उपायुक्त कांगड़ा ने संयुक्त कार्यालयों और पटवार सर्किल की स्टेट्स रिपोर्ट मांगी
Hospice. धर्मशाला। राज्य के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में राजस्व से संबंधी लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में बुधवार को जिला कांगड़ा के राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि राजस्व कार्यों के निपटान के लिए सभी उपमंडलाधिकारियों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि किसी भी स्तर पर मामले लंबित नहीं रहें। उपायुक्त ने कहा कि राजस्व मामले आम जनमानस से जुड़े होने के कारण उनकी रोजमर्रा की गतिविधियों को प्रभावित करतें हैं। उन्होंने कहा कि तकसीम, इंतकाल, निशानदेही जैसे अनेक राजस्व संबंधी कार्यों के लिए लोगों को प्रतिदिन राजस्व अधिकारियों से मिलना पड़ता है। डीसी ने राजस्व अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आम आदमी को राजस्व संबन्धित मामलों में जल्द राहत प्रदान करने के प्रयास किए जाएं। अधिकारियों को भूमि से सम्बन्धित विषयों को सप्ताहवार एवं दैनिक आधार पर निपटाने करने की कोशिश करनी चाहिए। इस अवसर पर एडीसी विनय कुमार, एडीएम डा. हरीश गज्ज और उपमंडलाधिकारियों सहित राजस्व विभाग के विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे।
डीसी हेमराज बैरवा ने जिला भर से आए उपमंडलाधिकारी से कहा कि प्रत्येक एसडीएम संबंधित उपमंडल में हर माह अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक करें, ताकि लंबित मामलों को शीघ्रता से निपटाया जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्व कार्यों को प्राथमिकता देते हुए निर्धारित लक्ष्यों को तय समय पर पूरा करें, ताकि लोगों के राजस्व संबंधित मामलों का त्वरित निपटान हो सके। इससे जहां अधिकारियों की कार्य कुशलता बढ़ेगी, वहीं कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी। राजस्व अधिकारी राजस्व मामलों को निरंतरता के साथ निपटाने में व्यक्तिगत रूप से प्रयास करें। सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदार आरएमएस पोर्टल पर डाटा अपडेट करें। ई-समाधान के माध्यम से प्राप्त शिकायतों को निपटाने के लिए गंभीरता से प्रयास किये जाएं। इसके लिए उपमंडल स्तर पर ही नियमित तौर पर मीटिंग आयोजित की जाएं। उपायुक्क ने बताया कि स्वामित्व योजना का उद्देश्य गांव में बसे हुए ग्रामीण परिवारों के मालिकों को अधिकारों के रिकार्ड के रूप में संपत्ति कार्ड प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इस योजना में विविध पहलुओं को शामिल किया गया है। इनमें संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाना और बैंक ऋणों को सक्षम बनाना तथा संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने में सहायक सिद्व होगी।