डीए संकट: संयुक्त मंच ने ममता सरकार पर बदले की भावना से तबादलों का लगाया आरोप
कोलकाता (आईएएनएस)| राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर महंगाई भत्ता और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा इस पर बकाया की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई करते हुए राज्य सरकार पर बदले की भावना से आंदोलन में शामिल कर्मचारियों के तबादले का आरोप लगाया है। संयुक्त मंच के एक पदाधिकारी ने रविवार को बताया कि एक महीने की अवधि में सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों समेत राज्य सरकार के 580 कर्मचारियों के तबादले के आदेश जारी किए गए हैं।
पदाधिकारी ने कहा, लगभग 90 प्रतिशत कर्मचारी, जिनके लिए इस तरह के स्थानांतरण आदेश जारी किए गए थे, उन्होंने 10 मार्च को फोरम द्वारा बुलाई गई आम हड़ताल में भाग लिया था। वर्तमान में कोलकाता में तैनात कर्मचारियों को दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबन क्षेत्र में दूरस्थ क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
हालांकि, राज्य सरकार ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया है और स्थानांतरण को सेवा नियमों के अनुसार बताया है।
संयुक्त मंच इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में कई आंदोलन कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर चुका है। 6 मई को एक विरोध सभा का आयोजन किया गया है, जिस दिन मध्य कोलकाता में शहीद मीनार के आधार पर संयुक्त मंच द्वारा धरने का 100वां दिन पूरा होगा।
प्रदर्शनकारी उस दिन एक रैली निकालेंगे, जिसका समापन हाजरा क्रॉसिंग के पास होगा, जो कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर है। उसके बाद वे उसी स्थान पर विरोध सभा करेंगे।
4 मई को, पश्चिम बंगाल राज्य समन्वय समिति, राज्य सरकार के कर्मचारियों की सीपीआई (एम) ट्रेड यूनियन बॉडी, 'मार्च टू स्टेट सेक्रेटेरिएट' आंदोलन आयोजित करेगी।
राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच के नेतृत्व को भी चार मई को आंदोलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
चार मई के आंदोलन से पहले समिति अपना विरोध जताने के लिए विभिन्न जिलों में बाइक रैली निकालेगी।
21 अप्रैल को राज्य सरकार और संयुक्त मंच के प्रतिनिधियों के बीच द्विदलीय बैठक हुई, लेकिन गतिरोध खत्म नहीं हो सका।