कोर्ट ने दंपति पर लगाया 25 हजार का जुर्माना, शादी को मानने से कर दिया इनकार

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Update: 2021-10-12 16:08 GMT

नई दिल्ली। हरियाणा के पंचकुला के रहने वाले एक जोड़े दावा किया है कि वह एक होटल के कमरे में बर्तन में जलाई गई आग के चारों ओर 'सात फेरे' लेकर शादी के पवित्र बंधन में बंध गए. हालांकि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस विवाह मानने से इनकार कर दिया. अदालत ने दंपति पर यह कहते हुए 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया कि यह "वैध विवाह समारोह नहीं था." शादी करने वाली महिला की उम्र 20 साल है जबकि लड़के की उम्र 19 साल 5 महीने है. दोनों ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी. ऐसे में उन्होंने रिश्तेदारों के हाथों खतरे के डर से अपने जीवन की सुरक्षा और स्वतंत्रता की मांग के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

जोड़े ने 26 सितंबर को घर से भागकर शादी की है लेकिन दोनों के बाद अदालत के सामने अपनी शादी को साबित करने के लिए न ही कोई सर्टिफिकेट है और न ही इस कार्यक्रम से जुड़ी कोई तस्वीर है. अदालत के सामने जोड़े की ओर से जो जानकारी रखी गई उसके मुताबिक वह होटल के एक कमरे में रुके थे और लड़के ने लड़की की मांग में सिंदूर भरा था और उन्होंने कमरे में एक बर्तन में आग जलाकर सात फेरे लेने से पहले एक दूसरे को माला पहनाई थी. उन्होंने कहा कि इस दौरान कोई भी मंत्र नहीं पढ़े गए.

कोर्ट ने हालांकि इस बात पर भी गौर किया कि लड़के की उम्र शादी के लिए मान्य नहीं है और ये कपल अपनी शादी की बात से अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. अदालत ने कहा कि, "उपरोक्त स्पष्टीकरण इस तथ्य को छिपाने का प्रयास प्रतीत होता है कि वास्तव में याचिकाकर्ताओं के बीच कोई वैध विवाह नहीं था जिसका याचिका में जिक्र किया गया है." इसे देखते हुए, अदालत ने यह रेखांकित किया कि याचिकाकर्ताओं ने स्पष्ट रूप से उच्च न्यायालय का रुख नहीं किया और बल्कि अदालत को गुमराह करने का प्रयास किया. अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है जिसका भुगतान उन्हें उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति को करना होगा. हालांकि अदालत ने पंचकुला पुलिस को इस जोड़े को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं क्योंकि उन्होंने अपने जीवन और स्वतंत्रता को खतरा होने की बात कही थी.

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