CORONA BREAKING: भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 11,850 नए मामले

Update: 2021-11-13 04:06 GMT

भारत में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 11,850 नए मामले आए, 12,403 रिकवरी हुईं और 555 लोगों की कोरोना से मौत हुई।

कुल मामले: 3,44,26,036
सक्रिय मामले: 1,36,308
कुल रिकवरी: 3,38,26,483
कुल मौतें: 4,63,245
कुल वैक्सीनेशन: 1,11,40,48,134
केरल के वायनाड में नोरोवायरस की पुष्टि हुई है. वायनाड जिले के एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय (veterinary college) के 11 छात्रों में नोरोवायरस की सूचना मिली. केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है और नोरोवायरस के बाद दिशानिर्देश जारी किए. बताया जा रहा है कि यह एक अत्यधिक संक्रामक पेट की बग है. इसकी वजह से व्यक्ति में कई लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं.
जानकारी के मुताबिक ये बीमारी दूषित पानी और दूषित भोजन के जरिए फैलती है. ये पशुजनित बीमारी है. दो सप्ताह पहले वायनाड जिले के विथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा कॉलेज के 13 छात्रों में दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलने वाली एक पशु जनित बीमारी नोरोवायरस की सूचना मिली थी. केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि वर्तमान में चिंता का कोई कारण नहीं है, लेकिन सभी को सतर्क रहना चाहिए. सुपर क्लोरीनीकरण सहित गतिविधियां चल रही हैं. पेयजल स्रोतों को स्वच्छ बनाने की जरूरत है.
केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि इस मामले में काफी सावधानी बरती जा रही है. उन्होंने लोगों से भी सावधान और सतर्क रहने को कहा है. उन्होंने कहा कि उचित रोकथाम और उपचार से बीमारी को जल्दी ठीक किया जा सकता है. इसलिए लोगों को इसे लेकर काफी जागरुक और सतर्क रहने की जरुरत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को इस बीमारी और इसकी रोकथाम के उपायों के बारे में पता होना चाहिए.

विश्‍व स्‍वास्‍थ संगठन (World Health Organization) ने ताजा ब्रीफिंग में जानकारी दी है कि यूरोप में पिछले एक सप्‍ताह में कोरोनावायरस के 20 लाख मामले सामने आए हैं. ये एक सप्‍ताह के अंदर यूरोप में कोरोना महामारी शुरू होने के बाद आए सर्वाधिक मामले हैं. वहीं 27,000 लोगों की जान भी कोविड-19 के कारण गई है.
ये पूरी दुनिया में पिछले सप्‍ताह हुईं मौतों की आधी संख्‍या है. खास बात ये है कि पूर्वी यूरोप के उन देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़े हैं, जहां वैक्‍सीनेशन कम हुआ है. वहीं पश्चिमी यूरोप के उन देशों में भी केस बढ़ रहे हैं जहां वैक्‍सीनेशन की दर सर्वाधिक है. यानि साफ है कि यूरोप एक बार फिर से कोरोना वायरस का एपिक सेंटर बनता हुआ नजर आ रहा है. वहीं कई यूरोपीय देशों ने एक बार फिर से कोविड-19 से संबंधित बाध्‍यताएं लगानी शुरू कर दी है.
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने अपनी ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना की बूस्‍टर डोज, खासकर स्‍वस्‍थ्‍य लोगों को देने का कोई औचित्‍य नहीं हैं. न ही बच्‍चों को. WHO ने कहा कि आज भी दुनिया के कई देशों में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों, बुजुर्ग और हाई रिस्‍क कैटगरी वालो लोगों को वैक्‍सीन की पहली डोज नहीं लगाी है. अगर वैक्‍सीन किसी को दोबारा लगती है जिनको इसकी जरूरत ही नहीं है तो ये स्‍कैंडल होगा. इस स्‍कैंडल को रोकने की जरूरत है.

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