दिल्ली अध्यादेश बिल LS में पास होने पर CM केजरीवाल की पहली प्रतिक्रिया- 'आगे से PM मोदी की बात पर

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Update: 2023-08-03 16:41 GMT
नई दिल्ली। दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। दिल्ली में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापना से संबंधित दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 को लोकसभा ने पारित कर दिया। विधेयक पर केजरीवाल ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और लोगों से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री की किसी भी बात पर विश्वास न करें। केजरीवाल ने कहा, ‘‘भाजपा ने हमेशा दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का वादा किया। 2014 में मोदी ने कहा था कि प्रधानमंत्री बनने पर वह दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देंगे। लेकिन आज इन लोगों ने दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंपा है। आगे से मोदी जी की किसी भी बात पर विश्वास मत करना।''
करीब चार घंटे की बहस के बाद दिल्ली सेवा विधेयक पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पर चर्चा का जवाब दिया। शाह ने स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेशों पर कानून बनाने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है और केंद्रशासित प्रदेश होने के नाते केंद्र को नियम बनाने का भी पूरा अधिकार है। विधेयक पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने बिना किसी टकराव के लंबे समय तक दिल्ली में शासन किया, लेकिन समस्याएं 2015 में उस वक्त पैदा हुईं जब एक सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, बल्कि झगड़ा करना है।
केजरीवाल ने विधेयक पेश होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज लोकसभा में अमित शाह जी को दिल्ली वालों के अधिकार छीनने वाले विधेयक पर बोलते सुना। विधेयक का समर्थन करने के लिए उनके पास एक भी वाजिब तर्क नहीं है। बस इधर-उधर की फ़ालतू बातें कर रहे थे। वह भी जानते हैं, वह गलत कर रहे हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला विधेयक है। उन्हें बेबस और लाचार बनाने वाला विधेयक है। ‘इंडिया' ऐसा कभी नहीं होने देगा।'' आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र प्रशासन में ग्रुप-ए अधिकारियों के नियंत्रण को लेकर केंद्र के साथ टकराव है। केंद्र ने मई में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधन) अध्यादेश, 2023 जारी किया था, जिसने दिल्ली में ‘‘सेवाओं'' का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंपने के उच्चतम न्यायालय के फैसले को पलट दिया था।
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