Budget 2022: चिंदबरम ने कसा तंज, बोले- 'वित्तमंत्री ने पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर ली'
संसद में पेश मोदी सरकार के 2022-23 के आम बजट पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई।
संसद में पेश मोदी सरकार के 2022-23 के आम बजट पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। विपक्ष ने आम लोगों को किसी प्रकार की सीधी राहत न देने और पुरानी घोषणाओं को पूरा न करके उन्हें दोहराने का आरोप लगाया है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस केवरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बजट को पूंजीवादी बताया है। उन्होंने कहा कि कटाक्ष किया कि वित्तमंत्री ने पूंजीवादी अर्थशास्त्र के शब्दजाल में महारत हासिल कर ली है। उन्होनें जो भाषण पढ़ा अब तक का सबसे पूंजीवादी भाषण था। उन्होंने कहा कि संसद इस बजट को पास कर देगा क्योंकि सत्तापक्ष के पास लोकसभा में भारी बहुमत है लेकिन लोग इस पूंजीवादी बजट को अस्वीकार कर देंगे।
चिंदबरम ने तंज कसा कि भाषण को पढ़े और गिनती करें कि वित्त मंत्री ने कितनी बार डिजिटल, पोर्टल, आईटी आधारित, पेपरलेस, डेटाबेस, इकोसिस्टम, ग्लोबल, आत्मनिर्भर शब्दों का इस्तेमाल किया। गरीब शब्द पैरा छह में दो बार आता है और हम वित्त मंत्री को यह याद रखने के लिए धन्यवाद दते हैं कि इस देश में गरीब लोग हैं।
चिदंबरम ने कहा कि बजट पेश होने के बाद मैंने खुद से पूछा कि देश के सामने इतनी चुनौतियों के बावजूद निपटने के लिए सरकार ने क्या किया तो कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे व्यवहार करती है कि जैसे सब सही रास्ते पर है और आम लोगों के लिए है। जबकि यह लोगों के बोझ और कष्ट के प्रति सरकार के नजरअंदाज और उपेक्षा को भी दर्शाता है।
चिदंबरम ने अमृत काल पर कटाक्ष किया कि मुझे आर्श्चय हुआ कि वित्त मंत्री अगले 25 वर्षों की योजना की रूपरेखा तैयार कर रही थीं, जिसे उन्होंने अमृत काल कहा है। सरकार यह मानती है कि वर्तमान समय पर किसी को ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है और वर्तमान में रहने वाले लोगों को अमृत काल के उदय होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने को कहा जा सकता है। यह भारत के लोगों खासकर गरीबों और वंचितों का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है।