दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री से मिले किसान, उठाई समस्याएं

Update: 2025-01-07 08:43 GMT
नई दिल्ली: दिल्ली के सफदरजंग रोड स्थित केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सरकारी आवास पर आज दिल्ली देहात के विभिन्न गांवों के किसान अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे। बैठक में भाजपा के सांसद भी शामिल हुए।
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी, पश्चिमी दिल्ली के सांसद कमलजीत सेहरावत और उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद योगेंद्र चंदोलिया भी बैठक में उपस्थित थे। यह बैठक किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने और समाधान निकालने के लिए आयोजित की गई थी।
बता दें कि इससे पहले 2 जनवरी को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार में किसानों के लिए कोई संवेदना नहीं है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने सीएम आतिशी को पत्र लिखा था। पत्र में उन्होंने कहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार ने किसानों के हित में केंद्र की योजनाओं को लागू करने से रोका है।
आतिशी को लिखे पत्र में शिवराज ने कहा था, "अत्यंत दुख के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं। आपने दिल्ली में किसानों के हित में कभी उचित निर्णय नहीं लिए। केंद्र सरकार की किसान हितैषी योजनाओं को भी आप की सरकार द्वारा दिल्ली में लागू करने से रोका गया है। आपकी सरकार में किसानों के लिए कोई संवेदना नहीं है। आज दिल्ली के किसान भाई-बहन परेशान और चिंतित हैं। दिल्ली सरकार द्वारा केंद्र की अनेक किसान कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं किए जाने से किसान भाई-बहन इन योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। मैंने पूर्व में भी आपको पत्र लिखकर दिल्ली के किसानों की समस्याओं से अवगत कराया था लेकिन यह चिंता का विषय है कि आपकी सरकार ने इन समस्याओं का कोई निराकरण नहीं किया है।"
उन्होंने आगे कहा था कि विगत 10 वर्षों से दिल्ली में आप की सरकार है लेकिन सदैव यह प्रतीत हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसान भाई-बहनों के साथ सिर्फ धोखा किया है और चुनावों से पहले बड़ी-बड़ी बड़ी घोषणाएं कर उनका राजनीतिक लाभ लिया है। केजरीवाल ने सरकार में आते ही हमेशा जनहितैषी निर्णयों को लेने के स्थान पर अपना रोना रोया है। आपकी सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण केंद्र सरकार के एकीकृत बागवानी विकास मिशन को लागू नहीं किया गया है। मिशन के लागू न होने से किसान भाई-बहन नर्सरी और टिशू कल्चर की स्थापना, रोपण सामग्री की आपूर्ति, फसल उपरांत प्रबंधन के इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण, नए बाग, पाली हाउस एवं कोल्ड चेन की सब्सिडी सहित अनेक योजनाओं के लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
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