Shimla. शिमला। शिमला स्थित संजौली मस्जिद की 3 अवैध मंजिलों को लेकर शनिवार को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन की याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने नगर निगम कमिश्नर के आदेश को चुनौती दी थी। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज प्रवीण गर्ग ने नगर निगम कमिश्नर के फैसले को सही ठहराया। अब 5 दिसंबर तक मस्जिद की 3 मंजिलों को हटाना होगा। मस्जिद कमेटी अपने खर्चे पर तीनों मंजिल तुड़वाने का काम करेगी। हालांकि मस्जिद कमेटी अब तक छत और एक मंजिल की दीवारें हटा चुकी है। मुस्लिम पक्ष के एडवोकेट विश्व भूषण ने कहा कि अभी हम कोर्ट के ऑर्डर को देखेंगे। इसके बाद आगे का निर्णय लेंगे। नगर निगम कमिश्नर ने 5 अक्टूबर को 2 महीने में संजौली मस्जिद की अवैध रूप से बनी 3 मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए थे।
इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में दलील दी थी कि मोहम्मद लतीफ नाम के व्यक्ति ने मस्जिद गिराने की सहमति दी है, वह इसके लिए अधिकृत नहीं था। इस पर कोर्ट ने वक्फ बोर्ड से मोहम्मद लतीफ को लेकर जवाब मांगा। वक्फ बोर्ड ने पिछली सुनवाई में साल 2006 का एक दस्तावेज दिया, जिसमें मोहम्मद लतीफ को संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष बनाने की बात कही गई थी। शिमला नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट में यह केस साल 2010 से चल रहा है। 21 अक्टूबर को स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने कहा कि नगर निगम कमिश्नर को इस केस में जल्दी फैसला सुनाने के निर्देश दिए जाएं। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कमिश्नर को 8 हफ्ते के अंदर केस निपटाने के आदेश दे रखे हैं। इन आदेशों के अनुसार, नगर निगम कमिश्नर को भी 20 दिसंबर तक संजौली मस्जिद केस को निपटाना है।