Pali. पाली। पाली के डाकघरों से गरीबों के लाखों रुपए के घोटाले मामले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शिकंजा कसा है। शनिवार सुबह करीब 7 बजे से CBI टीम पाली में सर्च ऑपरेशन चला रही है। डाकघर के रिटायर्ड उप डाकपाल (सब पोस्ट मास्टर) भगवती प्रसाद के बंगले से बरामद ज्वेलरी का वजन करने के लिए बाकायदा शहर से एक ज्वेलर को भी बुलाया गया है। डाकघरों में अपनी बचत के रुपए जमा करवाने वाले कई गरीब ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी हुई है। उनके खातों से लाखों रुपए गबन किए गए हैं। डाकघरों से उनके रिकॉर्ड तक गायब कर दिए गए हैं। अवधि पूरी होने के बाद ये गरीब जब डाकघर पहुंचे तो हक्के-बक्के रह गए थे। रकम तो दूर उनके अकाउंट की डिटेल तक नहीं मिली।
उधर, डाकघर अधीक्षक आरसी मीणा ने बताया- जोधपुर सीबीआई में 5 फरवरी को शिकायत दर्ज करवाई गई थी।शनिवार को दो कारों में पांच से ज्यादा अधिकारी पाली पहुंचे। भगवती प्रसाद (रिटायर्ड सब पोस्ट मास्टर) के पाली स्थित ट्रांसपोर्टनगर इलाके के नया गांव रोड पर सूर्या कॉलोनी स्थित घर पहुंचे। आलीशान दो मंजिला मकान के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। न ही अंदर से किसी को बाहर और बाहर से किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है। टीम ने रिटायर्ड कर्मचारी के पूरे मकान में सर्च किया। साथ ही वाहनों और संपत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही मकान की छत पर भी टीम पहुंची। टीम ने शहर से एक ज्वेलर को बुलाया है। मौके से बरामद होने वाली ज्वेलरी का वजन ज्वेलर से कराया जा रहा है।
पाली के उप डाकघर में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) योजना में में घोटाला हुआ है। पाली के औद्योगिक नगर थाना क्षेत्र स्थित उप डाकघर में 13 लोगों ने इसको लेकर लिखित में 60 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि डाकघर में नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) योजना में रुपए जमा करवाए थे। अवधि पूरी होने के बाद भी उन्हें रुपए ब्याज सहित नहीं मिले। ज्यादातर के अकाउंट डाकघर में रिकॉर्ड में नहीं हैं। ऐसे में डाकघर अधीक्षक ने विभागीय जांच के बाद सीबीआई में रिपोर्ट दी ताकि मामले की जांच हो सके। पीड़ितों ने जिला कलेक्टर लक्ष्मीनारायण से भी मुलाकात कर पीड़ा बताई थी।
मामले की आरंभिक जांच में रिटायर्ड सब पोस्ट मास्टर (भगवती प्रसाद) की तरफ शक की सुई गई, जिसकी मुहर और हस्ताक्षर पासबुक में थे। जांच अधिकारियों ने उन्हें (भगवती प्रसाद) बुलाकर पूछताछ भी की थी। पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि औद्योगिक थाना इलाके के उप डाकघर में पैसे उप डाकपाल भगवतीलाल को जमा करवाए थे। इस पर डाकघर अधीक्षक रमेशचंद्र मीणा ने जांच का आश्वासन दिया था। 2019 में ग्राहकों ने 5 साल के लिए अपना पैसा जमा कराया था। 2024 के आखिर में घोटाला तब सामने आया जब ग्राहकों को बताया गया कि उनका डाकघर में कोई अकाउंट ही नहीं है। ऐसे में सवाल उठने लाजिमी थे। कई बार ऑडिट भी हुआ होगा। आखिर उसमें यह मामला पकड़ में क्यों नहीं आया।