कवर्धा जनपद क्षेत्र क्रमांक 8 से गणेश तिवारी निर्विरोध निर्वाचित

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Update: 2025-02-08 13:55 GMT
Kabirdham. कबीरधाम। राजनीति में जहां आमतौर पर टकराव और प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है, वहीं कवर्धा जनपद क्षेत्र क्रमांक 8 में एक अनूठी मिसाल सामने आई है। इस क्षेत्र से गणेश तिवारी को जनपद सदस्य पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। चुनावी मैदान में उतरे पांच दिग्गज प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लेकर उन्हें अपना लिखित समर्थन दिया, जो न केवल क्षेत्रीय राजनीति बल्कि प्रदेश की पंचायत राजनीति में भी चर्चा का विषय बन गया है। गणेश तिवारी क्षेत्र में सामाजिक कार्यों और जनसेवा के लिए पहचाने जाते हैं।

इस चुनाव में उनके खिलाफ कोई प्रतिस्पर्धा न रहना यह दर्शाता है कि उनकी लोकप्रियता, सामाजिक जुड़ाव और जनसंपर्क की मजबूत पकड़ ने उन्हें निर्विरोध विजेता बनाया। राजनीतिक समन्वय और समरसता का यह निर्णय भारतीय राजनीति में दुर्लभ उदाहरणों में से एक है, जहां आमतौर पर चुनावी खींचतान देखने को मिलती है। अपनी निर्विरोध जीत पर गणेश तिवारी ने कहा, "यह जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता की है, जिन्होंने सर्वसम्मति से मुझे जनसेवा का अवसर दिया। मैं क्षेत्र को विकास के नए आयाम देने और इसे एक आदर्श पंचायत क्षेत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।"

उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के विकास को अपनी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि क्षेत्र के हर नागरिक के सहयोग से समग्र विकास संभव होगा। निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद गणेशपुरम स्थित उनके निवास "श्रीमाता निलयम" पर क्षेत्रवासियों ने तिलक, फूल-मालाओं और जयघोष के साथ उनका भव्य स्वागत किया। तिवारी ने सभी समर्थकों, मतदाताओं और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करेंगे। गणेश तिवारी की यह निर्विरोध जीत दिखाती है कि यदि कोई नेता जनता से जुड़ा हो, उनकी समस्याओं को समझता हो और जमीनी स्तर पर कार्य करता हो, तो चुनावी प्रतिस्पर्धा गौण हो जाती है। यह घटना राजनीति में एक नई दिशा का संकेत दे सकती है, जहां जनप्रतिनिधि चयन में टकराव की बजाय सामंजस्य और सहमति को प्राथमिकता दी जाए। क्या निर्विरोध निर्वाचन जनता की जागरूकता का प्रतीक है या चुनावी प्रतिस्पर्धा का अभाव? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं!
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