कर्नाटक में 'कानून व्यवस्था ध्वस्त' होने के खिलाफ भाजपा का विरोध प्रदर्शन
बेंगलुरु: कर्नाटक में भाजपा ने कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य में कानून व्यवस्था बुरी तरह चरमराने के खिलाफ बुधवार को विधान सौधा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में हुए विरोध प्रदर्शन में भाजपा विधायक और एमएलसी ने भाग लिया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। बाद में, पार्टी नेताओं ने विधान सौधा से राजभवन तक एक रैली निकाली और राज्यपाल थावरचंद गहलोत को एक ज्ञापन सौंपकर जैन मुनि की हत्या के मामले को सीबीआई को सौंपने की मांग की। पूर्व मंत्री वी. सुनील कुमार ने कहा कि हिंदुत्व को दरकिनार करना कांग्रेस सरकार का एजेंडा है। उन्होंने कहा, ''सीएम सिद्दारमैया के पिछले कार्यकाल के दौरान 2013 से 2018 के बीच 18 हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी.''
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि ने कहा, "कर्नाटक में हो रही सिलसिलेवार हत्याओं का घटनाक्रम दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटनाक्रम ने संदेह पैदा कर दिया है। हमें नहीं पता कि यह सरकार जीवित है या मृत। उत्तर प्रदेश मॉडल अपनाया जाना चाहिए।"
बोम्मई ने कहा, "सरकार ने जैन धर्मगुरु की नृशंस हत्या के मामले को बहुत हल्के में लिया है। जनता मांग कर रही है कि मामला सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए। हमने भी मांग की है कि मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए।"
“टी. नरसीपुरा में हिंदू कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, सकलेशपुर से भी हत्या का मामला सामने आया है, रेत माफिया द्वारा ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई। वरिष्ठ अधिकारी धन उगाही के लिए कर्मचारियों पर दबाव बना रहे हैं।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "इस सरकार में असामाजिक तत्वों को इतनी हिम्मत मिल गई है कि वे कुछ भी कर सकते हैं। कांग्रेस सरकार के डेढ़ महीने के शासनकाल में ही कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।"