बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के कोठीपुरा में बन रहे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जून में मरीज भर्ती होना शुरू होंगे। एम्स प्रबंधन ने इसके लिए तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। संस्थान ने 82 नर्सिंग स्टाफ समेत सीनियर और जूनियर रेजिडेंट चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी लगभग पूरी कर ली है। एम्स के 70 विभागों में स्थापित होने वाले 65 फीसदी उपकरण भी कोठीपुरा पहुंच गए हैं। विदेशों से मंगवाई जाने वाली मशीनरी मई के पहले हफ्ते में एम्स पहुंचेगी।
1471 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन एम्स में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा जून से शुरू होगी। इसकी घोषणा खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिलासपुर दौरे के दौरान की थी। 750 बेड के एम्स संस्थान का करीब 80 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया है। मेडिकल फैकल्टी, सीनियर रेजिडेंट और नर्सिंग स्टाफ की लगभग नियुक्ति हो गई है। जो बची है, उसकी प्रक्रिया जारी है। अभी तक एम्स में लोगों को ओपीडी की सुविधा ही मिल रही है। अगर किसी को भर्ती करना हो तो उसे दूसरे संस्थान में भेजा जाता है। आईपीडी शुरू होने से यहां पर ही मरीज का पूरा इलाज होगा।
बताते चलें कि एम्स में 70 विभाग होंगे। इनमें जो भी स्वास्थ्य उपकरण स्थापित होने हैं, वे 65 फीसदी एम्स में पहुंच चुके हैं। इनमें माइक्रोस्कोप, फ्रीजर, नेत्र, ईएनटी, मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एंडोक्रायनोलॉजी समेत अन्य सभी विभागों के उपकरण शामिल हैं। इन्हें फिलहाल एम्स के गोदाम में रखा गया है। विदेशों से आने वाले उपकरण एमआरआई मशीन, एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन, फोर डी कलर डॉप्लर, एक्सरे मशीन के लिए जर्मनी, चीन, सिंगापुर और नीदरलैंड में ऑर्डर दिया गया है। मई के पहले सप्ताह यह उपकरण भी एम्स पहुंच जाएंगे। इस बीच आईपीडी भवन को भी फाइनल टच देकर तैयार कर दिया जाएगा और निर्माणाधीन कंपनी इसे एम्स प्रबंधन को सौंप देगी।