मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोमवार को 2020 में पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा विधान परिषद (एमएलसी) के लिए प्रस्तावित 12 नामों वाली सूची को वापस लेने की इजाजत दे दी है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसके लिए गवर्न को चिट्ठी भी लिखी थी। उन्होंने इसमें एमएलसी के लिए प्रस्तावित नामों को वापस लेने की मांग की थी, जो कि राजभवन के पास करीब दो साल से लंबित है। इस लिस्ट में उर्मिला मातोंडर और एकनाथ खडसे जैसे नाम भी शामिल हैं।
आपको बता दें कि इस लिस्ट को लेकर तत्कालीन एमवीए सरकार और उस समय विपक्ष में बैठी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप हुए। सत्ता पक्ष ने राज्यपाल भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली वर्तमान महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल कोश्यारी को लिखे पत्र में 2020 में पिछली एमवीए सरकार द्वारा भेजे गए एमएलसी नामांकन के लिए 12 नामों की सूची को वापस लेने की मांग की थी। सरकार ने नाम वापस लेते हुए राजभवन से कहा है कि वह एमएलसी नामांकन के लिए नई सूची भेजेगी।
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने 2020 में राज्यपाल को विधान परिषद में नामांकन के लिए 12 नामों की एक सूची सौंपी थी। हालांकि, कोश्यारी ने न तो इसके खारिज किया और न ही स्वीकार किया। इस सूची में शिवसेना से फिल्म अभिनेत्री अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर, विजय करंजकर, नितिन बानुगड़े पाटिल और चंद्रकांत रघुवंशी। वहीं, एकनाथ खडसे, राजू शेट्टी, यशपाल भिंगे और गायक आनंद शिंदे को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तरफ से थे। कांग्रेस ने रजनी पाटिल, सचिन सावंत, अनिरुद्ध वंकर और मुजफ्फर हुसैन का नाम दिया था।
राज्यपाल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने परइस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई, लेकिन अदालत ने राज्यपाल को कोई निर्देश देने से इनकार कर दिया। एमवीए नेताओं ने इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संज्ञान में भी लाया और आरोप लगाया कि राज्यपाल जानबूझकर एमएलसी की नियुक्ति नहीं कर रहे हैं।