प्रिंसिपल पर एक्शन, रोने लगे बच्चे, जानें क्या है पूरा मामला

अच्छी शिक्षा और बच्चों के बीच बेहतर समंजस्य ही एक अच्छे और मेहनती शिक्षक की पहचान होती है।

Update: 2022-09-04 12:41 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

मिर्जापुर: अच्छी शिक्षा और बच्चों के बीच बेहतर समंजस्य ही एक अच्छे और मेहनती शिक्षक की पहचान होती है। कुछ इसी तरह का नजारा यूपी के मिर्जापुर में देखने को मिली है। यहां की एक शिक्षिका को सस्पेंड कर दिया गया था। इसकी जानकारी जब बच्चों को मिली तो वह शिक्षिका से लिपट कर रोने लगे। बच्चों को रोता देखकर शिक्षिका का भी गला रुंध गया। शिक्षिका ने भी बच्चों से रोते हुए दोबारा आने का प्रॉमिस किया। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। शिक्षिका और बच्चों का यह भावुक वीडियो जब बीएसए के पास पहुंचा तो उन्होंने इसे साजिश बताया।
मामला मिर्जापुर जिले के छानबे ब्लॉक के चड़ैचा गांव के प्राथमिक विद्यालय का है। इस स्कूल में प्रधानाध्यापिका पद पर तैनात दीपमाला और एक सहायक अध्यापक को शनिवार को बीएसए गौतम प्रसाद ने सस्पेंड कर दिया था। बीएसए ने प्रधानाध्यापिका को ब्लाक संसाधन केंद्र विजयपुर तथा सहायक अध्यापक को पीएस भागदेवर से संबंध कर दिया था। बीएसए ने यह कार्रवाई बीते 27 अगस्त को विद्यालय अवधि के बाद एक रसोईया को तीन घंटे तक कमरे में बंद करने को लेकर की थी। इस मामले की जांच बैठी थी। इस जांच के लिए बीईओ और छानबे को संयुक्त रूप से जांच अधिकारी नियुक्त किए थे। बीईओ ने प्रधानाध्यापिका तथा सहायक अध्यापक के बीच गुटबाजी तथा शिक्षामित्रों और रसोइयों में तनातनी के चलते शैक्षणिक कार्य बाधित होने की रिपोर्ट दी थी। इसके बाद कार्रवाई की गई।
प्रधानाध्यापक को सस्पेंड किए जाने की खबर जब स्कूल के बच्चों को लगी तो वह स्कूल के गेट पर ही धरने पर बैठ गए और अपनी शिक्षिका को घेर कर उनसे लिपटकर रोने लगे। शिक्षिका के काफी समझाने पर बच्चे शांत हुए। बच्चों की आंखों में आंसू देखकर शिक्षिका भी रुंधे गले हो गईं। सस्पेंशन आदेश आदेश जारी होने के बाद सहायक अध्यापक बगैर देर किए विद्यालय परिसर से निकल लिए। जबकि काफी संख्या में जुटे अभिभावकों एवं बच्चों ने प्रधानाध्यापिका के निलंबन पर आक्रोश जाहिर करते हुए मेन गेट का ताला बंद कर दिए।
शिक्षिका के सस्पेंशन को लेकर आक्रोशित बच्चों ने विद्यालय गेट में ताला लगा दिया। उन्होंने मौके पर अधिकारियों के न आने तक ताला नहीं खोलने का ऐलान कर दिया। आनन-फानन में पहुंचे बीईओ राजेश श्रीवास्तव से अविलंब निलंबन वापस लेने की मांग पर अड़ गए। प्रधानाध्यापिका के समर्थन में बच्चों ने सोमवार से विद्यालय नहीं आने की भी बात कही। वहीं अभिभावकों ने बहाली होने तक विद्यालय में ताला बंद करने की घोषणा की है। प्रधानाध्यापिका दीप माला मेहता ने रुंधे गले से कहा कि पूरी निष्ठा व मनोयोग से पढ़ाने का यही सिला मिला। बच्चों की आंखों से छलकते आंसू देखकर वे भी रोने लगी। इस दौरान माहौल गमगीन हो गया। काफी दूर तक रोते लिपटते बच्चों को वापस करने में प्रधानाध्यापिका को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
अपने निलंबन को लेकर मायूस कंपोजिट विद्यालय चड़ैचा की प्रधानाध्यापिका दीप माला मेहता ने सहायक अध्यापक पर कई गंभीर आरोप लगाए। बगैर लाग लपेट के कहा कि प्रधानाध्यापक से सहायक बनाए जाने के बाद से ही वह प्रताड़ित कर रहा है। विद्यालय में गुटबाजी तथा शैक्षणिक माहौल खराब करने में लगा हुआ था। बच्चों की शिकायत पर उसे कई बार अभिभावकों ने फटकार लगाई थी।
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