उत्तराखंड UTRAKHAND में शनिवार को भूस्खलन और नदी के कटाव की घटनाओं के कारण मसूरी से लेकर मुनस्यारी तक हालात मुश्किल हो गए। कुमाऊं में अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ। मुनस्यारी के मदकोट में मंदाकिनी नदी के कटाव से जहां सड़क transportation यातायात बंद हो गया है। वहीं क्षेत्र के 17 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। शनिवार को मलबा आने के कारण राज्यभर में 54 सड़कें बंद रहीं। बदरीनाथ हाईवे भी शनिवार सुबह जोशीमठ के समीप भूस्खलन के कारण एक घंटे बंद रहा। देहरादून-मसूरी हाईवे पर ग्लोगीधार के पास शनिवार को भूस्खलन के कारण भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। 24 जुलाई तक यह रोक रहेगी। यहां पुश्ता क्षतिग्रस्त होने से छोटे वाहनों के चलने लायक ही सड़क बची है। भारी वाहनों को लंबीधार-किमाड़ी मोटरमार्ग से भेजा जा रहा है।
इसके अलावा मसूरी में शुक्रवार रात हुई बारिश में अपर माल रोड का एक भी हिस्सा नीचे गिर गया। इससे यहां भी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई। पिथौरागढ़ में मुनस्यारी से करीब 40 किलोमीटर दूर मदकोट मेंMANDAKINI मंदाकिनी नदी का कहर बरपा रही है। भूकटाव से देवीबगड़ और भौंरगांव खतरे की जद में आ गए हैं। नदी के कटाव से 11 केवी की बिजली लाइन का पोल भी क्षतिग्रस्त हो गया। कई गांवों में बिजली गुल हो गई है। बागेश्वर जिले में शुक्रवार रात जमकर बारिश हुई। दूरस्थ गांवों में पांच मकान क्षतिग्रस्त हो गए। उधर, भारत-नेपाल के बीच 18 घंटे बाद शनिवार को यातायात शुरू हुआ। शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने पर यातायात को रोक दिया गया था