पंतनगर: उत्तराखण्ड महिला अंडर-19 में कल्पना वर्मा का चयन

Update: 2023-10-01 17:13 GMT
कहते हैं कि अगर आप के अंदर प्रतिभा है तो आज नहीं तो कल आपको सफलता अवश्य मिलेगी। इसी क्रम में इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोर रही सुर-कोकिला बेटी विपासा ने अपनी मधुर आवाज से हर किसी को मंत्रमुग्ध किया हुआ है। अपनी प्रतिभा और हुनर के दम पर विपासा के चर्चे हर जगह हो रहे हैं। हर कोई विपाशा की सुरीली आवाज की तारीफ कर रहा है।
आपको बता दें, इतनी छोटी उम्र में गायिकी का ऐसा हुनर रखने वाली विपाशा पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक के लुठ्या गांव की रहने वाली है। विपाशा का एक गीत ‘सुल्पा की साज’ इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। गीत जैसे ही सोशल मीडिया पर आया वैसे ही करोड़ों की तादाद में लोग इस वीडियो को प्यार देने लगे। जो भी विपाशा के गाये गीतों को सुनता वह मंत्रमुग्ध हो जाता और कहता कि ‘‘ये तो उत्तराखण्ड की लता मंगेशकर है‘‘
विपाशा के इस हुनर की तारीफ करते हुए उसके स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश चंद्र शाह ने बताया कि एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली विपाशा भविष्य में लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी एवं किशन महिपाल जैसे गायकों के साथ गीत गाना चाहती है। वह बताते हैं कि DIET विभाग द्वारा लोक गीतों में रूचि रखने वाले छात्रों की सूची मांगी गई थी। जिसमें उन्होनें आठवीं कक्षा की छात्रा विपाशा का नाम भी दिया था। इसके तहत विपाशा से दो दिनों में नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा गाये गये “सुल्पा की साज” गीत की तैयारी कराई गई और वीडियो रिकार्ड किया गया। इस दौरान ग्रुप के माध्यम से वीडियो अचानक सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। आगे बताते हैं कि विपाशा 15 अगस्त, गणतंत्र दिवस समेत स्कूलों के अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करती थी।
इस दौरान विपाशा अधिकांश भोजपुरी गीतों का गाना पसंद करती थी जिसे अब पहाड़ी लोक गीतों की ओर मोड़ा गया। अब विपाशा के कई अन्य पहाड़ी लोक गीत भी वायरल हो रहे हैं। वहीं विपाशा की सोशल मीडिया में हो रही तारीफ से उन की मां शांति देवी और पिता रमेश लाल काफी खुश हैं। विपाशा के पिता का कहना है कि वह बचपन से ही संगीत के प्रति रूचि दिखाती थी, हमेशा गीतों को गुनगुनाती थी लेकिन संसाधनों के आभाव व आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते वें बिपाशा को संगीत की शिक्षा नहीं दिला पाये। वह बताते हैं कि अगर प्रदेश के लोक गायक विपाशा को अपने साथ गाने का अवसर दें तो इससे बिपाशा का मनोबल भी बढ़ेगा व व लोक गायकी में नये आयाम भी स्थापित कर सकती है।
वहीं, विपाशा कहती हैं कि उसने संगीत की शिक्षा कहीं से भी प्राप्त नहीं की है। पहाड़ के आम बच्चों की तरह ही वह भी 15 अगस्त, 26 जनवरी को स्कूल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्रतिभाग कर अपनी गायकी को हुनर को आगे बढ़ाती आई है। इसमें विशेष तौर पर उसे स्कूल के अध्यापकों का मार्गदर्शन प्राप्त होता रहा है। यही कारण है कि आज उसके गीत लोगों को पसंद आ रहे हैं।
बताते चलें कि विपाशा के इस गीत को गढरत्न नरेंद्र नेगी द्वारा भी अपने फेसबुक पेज पर साझा किया गया था। जहां गढ़वाल रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी ने फेसबुक पर जारी पोस्ट में विपाशा की आवाज की तारीफ करते हुए इसे उत्तराखण्ड संगीत जगत का भविष्य बताया।
रोजगार : युवाओं के लिए अच्छी ख़बर, जल्द हो सकती है पुरुष होमगार्ड की भर्ती
युवाओं के लिए एक अच्छी ख़बर सामने आयी है। आपको बता दें, अब महिला होमगार्ड के बाद पुरुष होमगार्ड की भर्ती की तैयारी चल रही है। जिस पर शासन में मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है की शासन में 300 पुरुष होमगार्ड को भर्ती करने का प्रस्ताव है। जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में होमगार्ड का मुख्य कार्य पुलिस के सहायक के रूप में कार्य करना है। इसके तहत उन्हें सार्वजनिक व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा बनाने, आपातकाल के समय व आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था में सहयोग करना है।
राज्य में होमगार्ड इस समय विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें सचिवालय व पुलिस प्रमुख रूप से शामिल हैं। इसके अलावा अन्य विभागों में इन्हें सुरक्षा व चतुर्थ श्रेणी के पदों के सापेक्ष रखा गया है। विभिन्न मेलों, त्योहारों, यातायात, शांति व्यवस्था, यात्रा सीजन, बोर्ड परीक्षाओं व चुनाव के दौरान भी यह अपना योगदान देते हैं।
बताते चलें, प्रदेश में अभी होमगार्ड के 6411 पद स्वीकृत हैं। इनमें सापेक्ष 5600 से अधिक होमगार्ड तैनात हैं। प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले ही 300 महिला होमगार्ड की भर्ती परीक्षा शुरू की है। इस प्रकार अभी भी इनके 500 से अधिक पद खाली चल रहे हैं। जिलों से लगातार होमगार्ड की मांग शासन से की जा रही है। इसे देखते हुए अब इन पदों को भरने की कवायद चल रही है। इसके तहत पहले चरण में 300 पदों को भरा जा सकता है। इसके लिए शासन स्तर पर कवायद चल रही है। यह देखा जा रहा है कि जिलों में स्वीकृत पदों के सापेक्ष अभी कितने होमगार्ड कार्य कर रहे हैं और इनकी जरूरत कहां-कहां पर है। इसके बाद इन पदों को स्वीकृति दी जाएगी।उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी अब हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही है। क्रिकेट की दुनिया में भी उत्तराखण्ड के पुरुष और महिला क्रिकेटरों ने अपना बोलबाला शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अब पंतनगर की कल्पना वर्मा का उत्तराखण्ड अंडर-19 वनडे टीम में चयन हुआ है। कल्पना अमृति देवी क्रिकेट एकेडमी में अभ्यास करती हैं। उनके चयन पर कोच ने खुशी व्यक्त की है।
बता दें, उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना, जहां क्रिकेट संघ ने महिला टी-20 क्रिकेट लीग का आयोजन कराया। ये सभी मुकाबले देहरादून के अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी में खेले गए थे। उत्तराखण्ड के गवर्निंग काउंसलिंग के सदस्य उमेश चंद्र जोशी ने जानकारी दी कि टीम आठ अक्तूबर से 16 अक्तूबर तक मध्य प्रदेश में एक दिवसीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे। इस टीम की कमान हरिद्वार की बेटी कनक टूपरनियां (कप्तान) को सौंपी गई है। इसके अलावा साक्षी जोशी, दीपिका चंद, वंशिका भंडारी, नंदिनी शर्मा, कल्पना वर्मा, वैशाली तुलेरा, करीना, भूमि उमर, अर्चिता, जैसल ठाकुर, प्रिया राज, रुद्रा शर्मा, करूणा सेठी और तनीषा खत्त्री को टीम में शामिल है।
Tags:    

Similar News

-->