CM धामी ने गुड गवर्नेंस को लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश, 100 से अधिक सेवाओं की होगी होम डिलीवरी
सुशासन के दावे को जमीन पर उतारने के लिए उत्तराखंड सरकार सौ से अधिक सेवाओं की घर पर डिलीवरी शुरू करने जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सुशासन के दावे को जमीन पर उतारने के लिए उत्तराखंड सरकार सौ से अधिक सेवाओं की घर पर डिलीवरी शुरू करने जा रही है। इसमें ज्यादातर प्रमाणपत्र और ऑनलाइन मिलने वाली सेवाएं शामिल होंगी। इससे लोगों को बेवजह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से निजात मिल जाएगी।
बुधवार को सचिवालय में सुशासन को लेकर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक जाकर उनकी समस्याओं का समाधान करें। इसी क्रम में घर-घर जाकर आम जन को जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पुख्ता योजना तैयार की जाए। पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाया जाए, इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
आम जनता से मिलने का समय तय करें: सीएम ने सचिवालय में सप्ताह में एक दिन नो मीटिंग डे निर्धारित करते हुए, इस दिन अधिकारियों से अपने आगंतुकों की समस्या सुनने को कहा है। इसी तरह जिलों और तहसीलों में आम जनता से मिलने के लिए समय निर्धारित किया जाएगा। इसके साथ ही तहसील स्तर पर बहुउद्देशीय शिविरों का नियमित तौर पर आयोजन किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव डा. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुंदरम, नीतेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, निदेशक आईटीडीए अमित कुमार सिन्हा शामिल हुए।
शिकायतों को प्राथमिकता से निपटाएं
धामी ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 और अपणि सरकार पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण हो। अधिक लंबित शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। गैर जरूरी औपचारिकताओं को समाप्त किया जाए। सीएम ने कहा कि अधिकारी समय-समय पर सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाते हुए उन्हें प्रेरित करें।
इस तरह होगा काम
मुख्यमंत्री के सचिव शैलेश बगोली के मुताबिक डोर स्टैप डिलीवरी के लिए कुछ सर्विस प्रोवाइडर की सेवाएं ली जाएंगी। जिसके कर्मचारी अपने लैपटॉप और अन्य उपकरणों के साथ घर पर जाकर फार्म भरने, फिंगर प्रिंट लेने, दस्तावेज स्कैन कर अपलोड करने जैसी औपचारिकताएं पूरी करेंगे। साथ ही दस्तावेज बनने पर देने भी जाएंगे।
बगौली के मुताबिक शुरुआती चरण में करीब सौ सेवाएं इसमें शामिल हो सकती हैं, बाद में इसमें तीन सौ तक सेवाएं शामिल की जा सकती हैं। आईटीडीए निदेशक अमित सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है, अब विभाग इस योजना का प्रारूप बनाकर देगा, इसके बाद इसे अगले दो माह में लागू करने का प्रयास रहेगा।
सौजन्या को नोडल अफसर बनाया
इस प्रोजेक्ट के लिए सचिव सौजन्या को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
बड़ी आबादी अब भी ऑनलाइन फार्म भरने में सक्षम नहीं है। इसलिए ऐसे मामलों में लोग एक दिया गया नंबर डायल कर कर्मचारियों को अपने घर पर बुला सकेंगे। जो फार्म भरने की सभी औपचारिकताएं पूरी करेंगे, साथ ही सर्टिफिकेट बनने पर इसे उन तक पहुंचाएंगे भी।