मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना की होगी शुरुआत, गढ़वाल और कुमाऊं में खुलेंगी मत्स्य मंडियां

Update: 2022-07-10 15:27 GMT
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आईआरडीटी सभागार में राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मत्स्य निदेशालय, बड़ासी ग्रांट, देहरादून में स्थापित होने वाले मत्स्य प्रसंस्करण यूनिट का शिलान्यास भी किया. राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की जाएगी.
मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देते हुए मत्स्य पालन में लगने वाली विद्युत दरों को कृषि दरों पर निर्धारित किया जायेगा. गढ़वाल एवं कुमाऊं में मत्स्य पालकों की सुविधा हेतु मत्स्य मंडी की स्थापना किए जाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मत्स्य विभाग से संबंधित सभी स्टॉलों का अवलोकन भी किया.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत 2 लाभार्थियों को मोटरसाइकिल और आइस बॉक्स भेंट किया गया. जनपद उधम सिंह नगर एवं हरिद्वार के ग्राम समाज के तालाबों के पट्टों का आवंटन एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक जिले से दो व्यक्तियों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मत्स्य पालन दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा मत्स्य पालन के क्षेत्र में प्रदेश में लोगों द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है. उत्पादों को अच्छा बाजार मिले, इसके लिए सरकार प्रयासरत है.
राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में मत्स्य पालन के बढ़ते प्रभाव पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा यह स्वरोजगार के लिए एक नई उम्मीद है. इस दौरान कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा उत्तराखंड में मत्स्य पालन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं. सरकार द्वारा मत्स्यिकी के दृष्टिकोण से उपलब्ध जल संसाधनों के उपयोग हेतु किये जा रहे कार्यों के तहत लगभग 11 हजार व्यक्ति प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से मत्स्य पालन से जुड़े हैं.
केन्द्र सरकार द्वारा भी मत्स्य विकास के कार्यों हेतु प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना संचालित की जा रही है. लगभग 336 व्यक्तिगत लाभार्थियों एवं 17 सहकारी समितियों को लाभान्वित किया जा चुका है. सरकार द्वारा अधिक ऊंचाई के सुदूर क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर साधन के रूप में स्थापित करने हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फॉर्मिंग परियोजना संचालित करायी जा रही है.
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